धर्म-अध्यात्म

जानिए श्रीकृष्ण स्तुति मंत्र के अर्थ

Tara Tandi
9 Aug 2022 5:19 AM GMT
जानिए श्रीकृष्ण स्तुति मंत्र के अर्थ
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक श्रीकृष्ण जन्माष्टमी (Janmashtami) 18 अगस्त 2022 को बड़े धूमधाम और उत्साह के साथ मनाई जाएगी. हिंदू धर्म के अनुसार, भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था. इस दिन भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाता है. इस दौरान लोग उपवास रखते हैं और भगवान कृष्ण की पूजा करते हैं. ज्योतिषियों के अनुसार, जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण स्तुति मंत्र जाप करने से सुख, समृद्धि हासिल होती है. घर में सकारात्मक वातावरण बना रहता है. श्रीकृष्ण स्तुति मंत्र से भगवान कृष्ण प्रसन्न होकर भक्त को आशीर्वाद देते हैं. आइये जानते हैं पंडित इंद्रमणि घनस्याल से श्रीकृष्ण स्तुति मंत्र के अर्थ.

श्रीकृष्ण स्तुति मंत्र….
-कृं कृष्णाय नमः
श्री कृष्ण के इस मंत्र को जाप करने से सभी तरह की बाधाएं दूर होती हैं.
-ऊं श्री नमः श्रीकृष्णाय
यह मंत्र पांच लाख जाप करने से सिद्ध होता है और मनचाहे वरदान की प्राप्ति होती है.
-गो वल्लभाय स्वाहा
श्रीकृष्ण के इस मंत्र के जाप करने से संपूर्ण सिद्धियों की प्राप्ति होती है.
-गोकुल नाथाय नमः
इस मंत्र के जाप से सभी इच्छाएं व अभिलाषाएं पूर्ण होती हैं.
-क्लीं ग्लौं क्लीं श्यामलांगाय नमः
इस मंत्र के जाप से श्रीकृष्ण प्रसन्न होते हैं और भक्तों के सारे कष्ट दूर करते हैं.
-नमो भगवते श्री गोविंदाय
यह मंत्र संपूर्ण मनोरथ को सिद्ध करने वाला है.
-ऐं क्लीं कृष्णाय ह्रीं गोविंदाय ।
श्रीं गोपीजनवल्लभाय स्वाहा ॥
इस मंत्र से वागीशत्व की प्राप्ति होती है.
-श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीकृष्णाय गोविंदाय । गोपीजन वल्लभाय श्रीं श्रीं श्री
श्री कृष्ण के इस मंत्र से सभी बाधाएं स्वतः समाप्त हो जाती हैं. इस मंत्र के जाप से मनचाहे वरदान की प्राप्ति होती है.
-नमो भगवते नंदपुत्राय ।
आनंदवपुषे गोपीजनवल्लभाय स्वाहा ॥
इस मंत्र के जाप करने से समस्त अभिष्ट वस्तुएं प्राप्त होती हैं.
-लीलादंड गोपीजन संसक्तदोर्दण्ड। बालरूप मेघश्याम भगवन विष्णो स्वाहा।।
इस मंत्र का जो भी साधक विधिवत एक लाख जाप करता है उसे लक्ष्मी जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
-नंद पुत्राय श्यामलांगाय बालवपुषे । कृष्णाय गोविंदाय गोपीजनवल्लभाय स्वाहा।।
इस मंत्र के उच्चारण से समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
-कृष्ण कृष्ण महाकृष्ण सर्वज्ञ त्वं प्रसीद मे। रमारमण विद्येश विद्यामाशु प्रयच्छ मे॥
श्रीकृष्ण के इस मंत्र के जाप करने समस्त प्रकार की विद्याएं निःसंदेह प्राप्त होती हैं.
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