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मां लक्ष्मी के सोलह दिनों के महालक्ष्मी व्रत को समापन अश्विन मास की अष्टमी तिथि के दिन होता है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | मां लक्ष्मी के सोलह दिनों के महालक्ष्मी व्रत को समापन अश्विन मास की अष्टमी तिथि के दिन होता है। इस दिन मां लक्ष्मी के गज लक्ष्मी स्वरूप के व्रत और पूजन का विधान है। गज लक्ष्मी माता हाथी पर कमल के आसन पर विराजमान होती हैं। पौराणिक मान्यता है कि गज लक्ष्मी के व्रत और पूजन से घर में कभी आर्थिक तंगी और दरिद्रता नहीं आती है, सुख-संपत्ति और संतान की प्राप्ति होती है। पंचांग गणना के अनुसार इस साल गज लक्ष्मी का व्रत 29 सितंबर,दिन बुधवार को रखा जाएगा। इस दिन महालक्ष्मी के सोलह दिन के व्रतों का उद्यापन भी होगा।आइए जानते हैं गज लक्ष्मी व्रत का विधान और मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के मंत्र...
गज लक्ष्मी व्रत का विधान
भाद्रपद की राधा अष्टमी तिथि से अश्विन मास की अष्टमी तिथि तक महालक्ष्मी के सोलह दिनों के व्रत रखने का विधान है। इसका समापन गज लक्ष्मी के व्रत के साथ होता है। इस दिन माता लक्ष्मी के साथ उनकी सवारी गज यानि हाथी का भी पूजन किया जाता है। इस दिन मिट्टी या चांदी के हाथी का पूजन करना चाहिए। ऐसा करने से आपके घर में धन-धान्य की कभी कोई कमी नहीं रहेगी। इसके अतिरिक्त पितर पक्ष में पड़ने के बाद भी इस दिन सोना खरीदना बहुत शुभ माना जाता है। माना जाता है कि मां लक्ष्मी को समर्पित होने के कारण इस दिन खरीदे हुए सोने में आठ गुना की वृद्धि होती है।
मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के मंत्र
गज लक्ष्मी व्रत के दिन विधि पूर्वक मां लक्ष्मी का पूजन कर उन्हें इत्र, गंध और कमल का फूल अर्पित करें तथा कमल गट्टे की माला से इनमें से किसी एक मंत्र का 108 बार जाप करें। आपकी सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होगी....
1- ऊँ आद्य लक्ष्म्यै नम:
2- ऊँ विद्या लक्ष्म्यै नम:
3- ऊँ सौभाग्य लक्ष्म्यै नम:
4- ऊँ ह्रीं श्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नम:
5- ऊँ नमो भाग्य लक्ष्म्यै च विद्महे अष्ट लक्ष्म्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोद्यात
TagsMaa Lakshmi
Ritisha Jaiswal
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