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- जानिए राहु और केतु की...
ग्रहों के शुभ फल पाने या उनके कोप से बचने के लिए लोग विभिन्न प्रकार के रत्न धारण करते हैं और अपेक्षा करते हैं कि ज्योतिषाचार्य महोदय ने जिस उद्देश्य से रत्न पहनने का सुझाव दिया है, वह पूरा हो और उसका शुभ फल प्राप्त हो फिर भी कई बार ऐसा होता है कि उसका अपेक्षित फल नहीं मिल पाता. इसका मुख्य कारण है कि ग्रह से संबंधित रिश्ते की उपेक्षा. कई बार देखा जाता है कि रत्न धारण करने वाले जाने या अनजाने में संबंधित रिश्ते की उपेक्षा करते हैं या उनके प्रति उतना सम्मान नहीं प्रदर्शित करते हैं जो करना चाहिए तो रत्न कभी भी पूरा फल नहीं देंगे जिसके लिए उन्हें धारण किया गया है. केतु का सकारात्मक यानी पॉजिटिव फल पाने के लिए लहसुनिया रत्न को धारण किया जाता है. जब तक केतु से संबंधित रिश्ते को सम्मान नहीं देंगे उसका पूर्ण शुभ और अधिक से अधिक फल नहीं प्राप्त हो सकता है.