धर्म-अध्यात्म

जानिए शिरडी साईं धाम की महत्वपूर्ण बातें

Tara Tandi
16 Jun 2022 9:24 AM GMT
जानिए शिरडी साईं धाम की महत्वपूर्ण बातें
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शिरडी का साईं धाम देशभर में आस्था का एक बड़ा केंद्र है. महाराष्ट्र में अहमदनगर जिले के शिरडी में साईं बाबा (Shirdi Sai Baba) का मंदिर है,

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। शिरडी का साईं धाम देशभर में आस्था का एक बड़ा केंद्र है. महाराष्ट्र में अहमदनगर जिले के शिरडी में साईं बाबा (Shirdi Sai Baba) का मंदिर है, जिसकी देखरेख श्री साईंबाबा संस्थान ट्रस्ट करता है. इस मंदिर में लाखों रुपये का चढ़ावा हर साल चढ़ता है. यह मंदिर देश के सबसे धनी मंदिरों में से एक है. देश के अनेक हिस्सों से शिरडी धाम पहुंचने के​ लिए बस, ट्रेन और हवाई सुविधाएं हैं. आज भारत की पहली प्राइवेट ट्रेन शिरडी आने वाली है, जो कोयंबटूर से आ रही है. आइए जानते हैं शिरडी साईं धाम के बारे में महत्वपूर्ण बातें.

शिरडी साईं धाम की महत्वपूर्ण बातें
धार्मिक मान्यता के अनुसार, साईं बाबा जब शिरडी में रहने के लिए आए थे, तो वे खंडहरनुमा मस्जिद के पास रहते थे. उसका नाम द्वारकामाई रखा था.
शिरडी धाम के अंदर साईं बाबा का समाधि मंदिर है. निधन के बाद इस स्थान पर ही उनके पार्थिक शरीर को दफनाया गया था.
समाधि मंदिर के पास ही एक बड़े हॉल में साईं बाबा की संगमरमर की मूर्ति है, जिसके दर्शन करने लिए भक्त देशभर के कोने-कोने से आते हैं.
यहां पर साईं बाबा के वस्त्र और अन्य सामान भी रखे गए हैं. मंदिर परिसर में साई बाबा की धूनी है, जो जलती रहती है.
ऐसी मान्यता है कि साईं बाबा के दरबार में जो भी अपनी मुरादें लेकर आता है, वह उनकी कृपा से पूरी हो जाती हैं. वह खाली हाथ नहीं लौटता है. यह साईं बाबा का चमत्कार है.
साईं मंदिर परिसर में बाबा के गुरु का स्थान भी बना हुआ है. यहां पर साईं बाबा बैठा करते थे. मान्यता है कि वहां पर स्थित नीम के पेड़ की पत्तियां मीठी हो गई थीं. यह साईं बाबा का प्रभाव था.
साईं मंदिर में दिनभर में 5 बार आरती होती हैं. सुबह सवा चार बजे भूपाली आरती, साढ़े चार बजे काकड़ आरती, दोपहर 12 बजे मध्यान आरती, सूर्यास्त पर धूप आरती और रात साढ़े दस बजे सेज आरती की जाती है.
बताया जाता है कि साईं बाबा जब पहली बार शिरडी आए थे, तो वे तीन माह बाद अचानक वहां से चले गए थे. फिर तीन साल बाद बाराती बनकर शिरडी पहुंचे थे. खंडोबा मंदिर के पुजारी ने सबसे पहले उनको साईं नाम से पुकारा था.
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