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शिव शंकर को समर्पित श्रावण मास का आरंभ इस बार 4 जुलाई दिन मंगलवार से हो चुका हैं और इसका समापन 31 अगस्त को हो जाएगा। सावन का पवित्र महीना भगवान शिव की पूजा के लिए उत्तम माना जाता हैं इस दौरान भक्त भगवान शंकर को प्रसन्न करने के लिए उनकी विधि विधान से पूजा करते हैं।
इस माह में पड़ने वाले सोमवार का भी अपना महत्व होता हैं जो कि शिव आराधना के लिए सर्वोत्तम दिनों में से एक माना जाता हैं, इस बार सावन का पहला सोमवार 10 जुलाई को पड़ रहा हैं ऐसे में इस दिन अधिकतर महिलाएं भगवान शिव को खुश करने के लिए उनकी विधिवत पूजा और व्रत करती हैं अगर आप भी सावन सोमवार व्रत पूजा कर रहे हैं तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा शिवलिंग पूजा में शिव को बेलपत्र चढ़ाने से जुड़े जरूरी नियम बता रहे हैं, तो आइए जानते हैं।
शिव को बेलपत्र चढ़ाने के नियम—
अगर आप भगवान शिव को खुश करने के लिए सावन सोमवार या फिर सावन के महीने में भोलेबाबा को बेलपत्र अर्पित कर रहे हैं तो इससे पहले कुछ नियमों के बारे में जान लेना जरूरी होता हैं शिव को बेलपत्र अर्पण करने से पहले यह सुनिश्चित कर ले कि पत्ता कहीं से कटा फटा तो नहीं हैं। क्योंकि अगर बेलपत्र कटा फटा होता हैं तो साधक को पूजा पाठ का फल नहीं मिलता हैं।
इसके अलावा शिव को बेलपत्र अर्पित करने के लिए सोमवार के दिन भूलकर भी ना तोड़ बल्कि इसे पहले से तोड़कर रख लेना चाहिए। शिव को बेलपत्र अर्पित करते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि बेलपत्र की तीन पत्तियों से कम पत्ती ना हो। शिव को केवल बेलपत्र नहीं अर्पित करना चाहिए। बल्कि इसके साथ जल की धारा भी जरूर चढ़ाएं और प्रभु के 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जाप करें। माना जाता है कि अगर आप इन नियमों का पालन करते हुए शिव को बेलपत्र अर्पित करते हैं तो आपको पुण्य फलों की प्राप्ति होगी।
Tara Tandi
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