धर्म-अध्यात्म

जानिए है सनातन धर्म में सिंदूर का महत्व

Apurva Srivastav
2 Feb 2023 4:11 PM GMT
जानिए है सनातन धर्म में सिंदूर का महत्व
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धार्मिक मान्यता है कि अगर सुहागिन महिलाएं रोज सिंदूर लगाती है तो पति की आयु लंबी हो जाती है
सनातन धर्म में कई सारे रीति रिवाज और परंपराएं है जिसका पालन लोग अपनी इच्छा अनुसार और लाभ प्राप्ति के लिए करते है इसी में एक है रीति है जिसमें शादीशुदा महिलाएं अपनी मांग में सिंदूर सजाती है कहते हैं कुंवारी कन्याओं का जब विवाह होता है।
तो उस दौरान वर वधु की मांग में लाल रंग का सिंदूर भरता है और इसके बाद महिला रोजाना नियम से अपने मांग में सिंदूर सजाती है। हिंदू धर्म में कुल सोलह तरह के श्रृंगार होते है जिसमे सिंदूर को विशेष बताया गया है ये विवाहित होने का प्रतीक भी माना जाता है लेकिन इसे लगाने का तरीका क्या है और इससे लाभ क्या मिलता है इसके बारे में बहुत कम ही लोग जानते होंगे तो आज हम इसी पर चर्चा कर रहे है तो आइए जानते है।
धार्मिक मान्यता है कि अगर सुहागिन महिलाएं रोज सिंदूर लगाती है तो पति की आयु लंबी हो जाती है सौभाग्य में भी वृद्धि होती है। लेकिन ऐसी बहुत सी महिलाएं है तो सिंदूर गलत तरीके से लगाती है। ऐसे में अगर महिलाएं रोजाना सिंदूर लगाती है तो उन्हें इस बात का ध्यान रखना है कि सिंदूर की रेखा हमेशा लंबी होनी चाहिए न की छोटी क्योंकि ये पति को दीर्घायु प्रदान करता है वही सिंदूर लगाते वक्त इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए ही सिंदूर हमेशा नाक के बीच से मांग निकलकर ही भरना चाहिए इसे सही तरीका और शुभ भी माना गया है।
शादीशुदा महिलाओं को हमेशा अपना ही खरीदा हुआ सिंदूर मांग में भरना चाहिए कभी किसी और से मांगकर या फिर दूसरों द्वारा खरीदा हुआ सिंदूर नहीं लगाना चाहिए इसे अशुभ माना जाता है। वही नहाने के तुंरत बाद सिंदूर नहीं लगाना चाहिए बल्कि बालों के सूख जाने या फिर स्नान के कुछ देर बाद ही सिंदूर लगाना चाहिए। वही सिंदूर लगाने के बाद इसे कभी भी बालों से छुपाना नहीं चाहिए अगर कोई ऐसा करता है तो इससे पति पत्नी के रिश्तों में दरार पैदा होती है।
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