धर्म-अध्यात्म

जानिए फुलेरा दूज का महत्व और पूजा की विधि, मुहूर्त

Tara Tandi
17 Feb 2022 3:54 AM GMT
जानिए फुलेरा दूज का महत्व और पूजा की विधि, मुहूर्त
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फाल्गुन के महीने में फूलेरा दूज का पर्व मनाया जाता है। इस वर्ष फूलेरा दूज 04 मार्च, शुक्रवार को है। हिंदू पंचांग के अनुसार हर वर्ष फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर फूलेरा दूज का त्योहार मनाया जाता है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Phulera Dooj 2022: इस वर्ष फूलेरा दूज 04 मार्च, शुक्रवार को है। हिंदू पंचांग के अनुसार हर वर्ष फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर फूलेरा दूज का त्योहार मनाया जाता है। फूलेरा दूज होली के पहले मनाया जाता है और इसे ब्रज के क्षेत्र में बहुत ही उत्साह और जोश के साथ मनाया जाता है।

Phulera Dooj 2022 Date : फाल्गुन के महीने में फूलेरा दूज का पर्व मनाया जाता है। इस वर्ष फूलेरा दूज 04 मार्च, शुक्रवार को है। हिंदू पंचांग के अनुसार हर वर्ष फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर फूलेरा दूज का त्योहार मनाया जाता है। फूलेरा दूज होली के पहले मनाया जाता है और इसे ब्रज के क्षेत्र में बहुत ही उत्साह और जोश के साथ मनाया जाता है। फूलेरा दूज पर भगवान कृष्ण और राधा रानी फूलों की होली खेलते हैं। भगवान श्रीकृष्ण की नगरी मथुरा और वृंदावन में मंदिरों में फूलेरा दूज से होली की तैयारियां आरंभ हो जाती है। वहीं ज्योतिष शास्त्र में फूलेरा दूज को अबूझ मुहूर्त माना गया है जिसमें इस दिन बिना मुहूर्त देखे सभी तरह के शुभ और मांगलिक कार्य किया जा सकता है। आइए जानते हैं फूलेरा दूज का महत्व और पूजा मुहूर्त।
शुभ योग में फूलेरा दूज का त्योहार
इस वर्ष 04 मार्च को फूलेरा दूज का त्योहार शुभ नामक योग में होगा। 04 मार्च को शुभ योग रात 01 बजकर 45 मिनट तक है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मांगलिक कार्यों के लिए शुभ योग बहुत ही मंगलकारी माना जाता है। इसके अलावा फूलेरा दूज पर सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग भी बन रहा है।
फूलेरा दूज एक अबूझ मुहूर्त
शास्त्रों में फूलेरा दूज तिथि को बहुत ही शुभ और मंगलकारी माना गया है। फूलेरा दूज अबूझ मुहू्र्त माना जाता है। ऐसे में इस दिन विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश और नया व्यापार करने के लिए दिन बहुत ही शुभ है।
धार्मिक मान्यता
ऐसी मान्यता है कि इस दिन राधा कृष्ण की पूजा करने से सभी तरह की मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। फूलेरा दूज पर ब्रज की समस्त गोपियों ने राधा-कृष्ण के प्रेम की खुशी में फूल बरसाए थे, इस कारण से इस त्योहार का महत्व होता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने होली खेलने की परंपरा की शुरूआत की थी। फुलेरा दूज पर घरों को फूलों और रंगोली से सजाया जाता है। साथ ही फुलेरा दूज पर कृष्णजी को पकवान का भोग लगाया जाता है। भगवान श्रीकृष्ण के लिए विशेष प्रकार का पकवान तैयार किया जाता है।
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