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जनता से रिश्ता बेवङेस्क | मौनी अमावस्या इस साल 11 फरवरी को पड़ रही है. मान्यताओं के अनुसार , इस दिन मौन रहकर दान और स्नान करने का विशेष महत्व होता है. अमावस्या के बारे में ये कथन है कि इस दिन मनु ऋषि का जन्म हुआ था. माघ के महीने में आने वाली अमावस्या को मौनी अमावस्या कहा जाता है.
मौनी अमावस्या इस बार 11 फरवरी को पड़ रही है. इस दिन मौन रहकर दान और स्नान करने का विशेष महत्व होता है. अमावस्या के बारे में ये भी कहा जाता है कि इस दिन मनु ऋषि का जन्म हुआ था और मनु शब्द से ही मौनी की उत्पत्ति हुई है. इसलिए इस अमावस्या को मौनी अमावस्या कहते हैं. मौनी अमावस्या व्रत में मौन धारण करने का विशेष महत्व माना गया है.
शास्त्रों में यह वर्णित है कि होंठों से ईश्वर का जाप करने से जितना पुण्य मिलता हैउससे कई गुणा अधिक पुण्य मौन रहकर जाप करने से मिलता है. वैसे तो दिन भर मौन रखने को अच्छा माना गया है , लेकिन अगर दान से पहले सवा घंटे तक मौन रख लिया जाए तो दान का फल 16 गुना अधिक मिलता है और मौन धारण कर व्रत का समाप्ति करने वाले को मुनि पद की प्राप्ति होती है. माघ महीने में पवित्र नदियों में स्नान करना तो शुभ होता ही है लेकिन मौनी अमावस्या पर इस स्नान का पुण्य कई गुना बढ़ जाता है. ज्योतिष जानकारों की बातों को माने... तो मौनी अमावस्या पर मौन रहकर स्नान और दान करने से इंसान के कई जन्मों के पाप मिट जाते हैं. मौनी अमावस्या के नियम
मौनी अमावस्या का शुभ मुहूर्तमौनी अमावस्या 10 फरवरी 2021 को दोपहर 01 बजकर 10 मिनट से 11 फरवरी 2021 की रात 12 बजकर 27 मिनट तक रहेगी. इस दिन अनावश्यक क्रोध करने से बचे और न ही किसी को अपशब्द बोलें. ज्योतिष के जानकारों की मानें तो इस दिन बेहतर होगा कि आप ज्यादा से ज्यादा मौन रहकर ईश्वर का ध्यान करें, क्योंकि मौनी अमावस्या के दिन मौन रहकर ईश्वर का मानसिक जाप करने से कई गुना ज्यादा फल मिलता है.