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पूजा का क्या है महत्व
हिंदू विवाह में कई तरह की रस्में और रीति-रिवाज होते हैं। जिन्हें पूरे विधि-विधान के साथ किया जाता है। जिसमें हल्दी, मेंहदी से लेकर सात फेरे लेने तक कजई तरह की रस्में होती है। जो 4-5 दिनों तक चलती है, लेकिन कुछ रस्में ऐसी भी होती हैं, जो शादी से पहले और हल्दी के दिन की जाती है। जिसे मटकोर पूजा कहते हैं।
जिसे करना बहुत जरूरी होता है। यह रस्म खासकर बिहार और यूपी में की जाती है। अब ऐसे में शादी में मटकोर पूजा का महत्व क्या है। इसके बारे में जानना बेहद जरूरी है। आइए इस लेख में मटकोर पूजा के बारे में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।
जानें मटकोर पूजा की रस्म
मटकोर पूजा की सुबह सत्यनारायण (सत्यनारायण कथा) की कथा होती है। रात में वर-वधु के घर के आगे उनकी फुआ और बहन के द्वारा मिट्टी में एक छोटा सा गढ्ढा खोदा जाता है। जिसे समुद्र कहते हैं। उसमें पानी भरकर सिंदूर, अक्षत और फूल से विधिवत पूजा की जाती है। उसके बाद उसमें पैसा, सुपारी और पान डाला जाता है।
इस दिन महिलाएं पूरे गाजे और बाजे के साथ माथे पर दौरा और कुदाल लेकर थाली मैदान में जाती हैं। जहां ननद मिट्टी खोदती हैं और पांच सुहागिन महिलाओं के आंचल में डालती है। उस मिट्टी से घर में बनने वाली वेदी का निर्माण किया जाता है। साथ ही उसी दिन वर-वधु को हल्दी लगाने के कार्य शुरू किया जाता है। यह कार्य दो दिनों तक चलता है।
उसके बाद खोदी गई मिट्टी को दौरा में रखकर महिलाएं घर वापस जाती हैं और यहां महिलाओं द्वारा लाई गई मिट्टी को मकान के आंगन में पूजा हो जाने के बाद उस कलश को स्थापित किया जाता है। पश्चात दुल्हा और दुल्हन को हल्दी (हल्दी के उपाय) लगाने के साथ ही उनकी कलाई में धागा में बंधी लोहे की अंगूठी के साथ जवाइन को बांधा जाता है। जिसे कंगन और ककन कहते हैं। यह रस्म विवाह में बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इसे पूरी विधि-विधान के साथ किया जाता है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि यह रस्म भगवान श्रीराम और माता सीता के विवाह में भी की गई थी। इसलिए इसका महत्व और भी खास माना जाता है। ऐसा कहा है कि इस दिन साक्षात सभी देवी-देवताओं का घर में आगमन होता है। जिससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और घर की सुख-समृद्धि और शांति भी बनी रहती है। इससे आने वाले नए जोड़े को सभी देवी-देवताओं की आशीर्वाद की भी प्राप्ति होती है।
इस लेख में मटकोर पूजा की रस्म के बारे में विस्तार से जानें और अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे।
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