धर्म-अध्यात्म

जानिए कामिका एकादशी व्रत का महत्व

Tara Tandi
19 July 2022 5:56 AM GMT
जानिए कामिका एकादशी व्रत का महत्व
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सावन माह (Sawan Month) की पहली एकादशी कामिका एकादशी (Kamika Ekadashi) है, जो 24 जुलाई दिन रविवार को है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सावन माह (Sawan Month) की पहली एकादशी कामिका एकादशी (Kamika Ekadashi) है, जो 24 जुलाई दिन रविवार को है. कामिका एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा करने से पापों का नाश होता है और मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है. कामिका एकादशी व्रत के दिन तीन शुभ योग बन रहे हैं. ये तीनों ही शुभ योग पूजा पाठ की दृष्टि से अच्छे मानते जाते हैं. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं कामिका एकादशी पर बनने वाले योगों के महत्व के बारे में.

कामिका एकादशी 2022 मुहूर्त
सावन कृष्ण एकादशी तिथि का प्रारंभ: 23 जुलाई, शनिवार, सुबह 11:27 बजे से
सावन कृष्ण एकादशी तिथि का समापन: 24 जुलाई, रविवार, दोपहर 01:45 बजे पर
द्विपुष्कर योग का प्रारंभ: 23 जुलाई, रात 10 बजे से
द्विपुष्कर योग का समापन: 24 जुलाई, प्रात: 05:38 बजे
वृद्धि योग: सुबह से दोपहर 02:02 बजे तक
ध्रुव योग: दोपहर 02:02 बजे से
कामिका एकादशी व्रत का पारण: 25 जुलाई, सुबह 05:38 बजे से सुबह 08:22 बजे तक.
वृद्धि योग: इस योग में पूजा पाठ करने से जो भी पुण्य प्राप्त होता है, उसमें वृद्धि होती है. वृद्धि योग में किए गए कार्यों में वृद्धि होती है.
ध्रुव योग: इस योग में आप कोई भी स्थिर कार्य करते हैं, तो उसमें सफलता प्राप्त होती है. इस योग को भवन निर्माण आदि के लिए अच्छा माना जाता है.
द्विपुष्कर योग: इस योग में किए गए कार्य में दोगुना वृद्धि होती है. इस योग में बहुमूल्य वस्तुओं की खरीदारी करना अच्छा माना जाता है.
इस प्रकार से देखा जाए तो कामिका एकादशी के दिन बने ये तीनों ही योग शुभ हैं. आप जो भी कार्य करेंगे, उसका अच्छा फल प्राप्त होगा और उसमें वृद्धि होगी.
कामिका एकादशी व्रत का महत्व
कामिका एकादशी व्रत के बारे में भगवान ​श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को बताया था​ कि इस व्रत को करने से सभी तीर्थ स्थलों पर स्नान करने के समान ही पुण्य लाभ होता है. इस व्रत की कथा सुनने से पाप नष्ट होते हैं. जो भी व्यक्ति विधिपूर्वक कामिका एकादशी व्रत रखता है और भगवान विष्णु की पूजा करता है, उसे मृत्य बाद मोक्ष मिलता है.
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