धर्म-अध्यात्म

जानिए मौनी अमावस्या लोगों के लिए कितना है महत्व

Tara Tandi
29 Jan 2021 11:26 AM GMT
जानिए मौनी अमावस्या लोगों के लिए कितना है महत्व
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हिंदू धर्म में मौनी अमावस्या का खास स्‍थान है.

जनता से रिश्ता बेवङेस्क | हिंदू धर्म में मौनी अमावस्या का खास स्‍थान है. माना जाता है कि इस दिन शनिदेव का जन्म हुआ था. माघ माह की अमावस्‍या को मौनी अमावस्‍या मनाई जाती है. इसे माघ अमावस्या भी कहते हैं. इस बार मौनी 11 फरवरी 2021 दिन गुरुवार को मनाई जाएगी. पुराणों में मान्‍यता है कि देवतागण इस पवित्र दिन को संगम में निवास करते हैं, इसलिए मौनी अमावस्‍या को गंगा स्नान का खास महत्‍व है. इस दिन मौन रहने वाले व्यक्ति को मुनि पद की प्राप्ति होती है. आज हम आपको मौनी अमावस्या से जुड़ी पूरी जानकारी साझा करने जा रहे हैं.

मौनी अमावस्‍या 2021 : तिथि, शुभ मुहूर्त पूजा विधि

मौनी अमावस्‍या 10 फरवरी 2021 की रात 01:10 बजे से शुरू हो रही है 11 फरवरी 2021 की रात 12:37 बजे समाप्त हो रही है. इस दिन गंगा स्नान के बाद मौन व्रत का संकल्प लें उसके बाद भगवान विष्णु का पीले फूल, केसर, चंदन, घी का दीपक प्रसाद के साथ पूजा करें. विष्णु चालीस या विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें फिर किसी ब्राह्मण को दान-दक्षिणा दें. शाम को मंदिर में दीप दान करके आरती जरूर करें फिर श्रीहरि विष्णु को मीठे पकवान का भोग लगाएं. अगले दिन गाय को मीठी रोटी या हरा चारा खिलाकर व्रत खोलें.

मौनी अमावस्या व्रत

सुबह नदी, सरोवर या पवित्र कुंड में स्नान करें सूर्य देव को अर्घ्य दें. व्रत रखकर जहां तक संभव हो मौन रहें. गरीब व भूखे व्यक्ति को भोजन जरूर कराएं. वस्त्र, अनाज, आंवला, तिल, पलंग, कंबल, घी गौशाला में गाय के लिए भोजन दान करें. हर अमावस्‍या की तरह मौनी अमावस्‍या पर भी पितरों को याद करें. इस दिन पितरों का तर्पण करने से उन्हें मोक्ष मिलता है.

मौन रहने का महत्व

मौनी अमावस्या के दिन मौन धारण करने का चलन है. मौन धारण करने के बाद व्रत समापन करने से मुनि पद की प्राप्ति होती है. इस दिन मौन व्रत रखने का मतलब मन को संयमित रखने से है. इससे आपका आत्‍मबल बढ़ जाता है.

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