धर्म-अध्यात्म

जानिए गंगा दशहरा का महत्व, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि....

Tara Tandi
9 Jun 2022 6:17 AM GMT
Know the importance of Ganga Dussehra, auspicious time and worship method.
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हिंदू धर्म में गंगा को मां का दर्जा दिया गया है और गंगाजल को बहुत ही पवित्र और पूजनीय माना गया है। किसी भी शुभ कार्य और पूजा अनुष्ठान में गंगाजल का प्रयोग अवश्य किया जाता है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिंदू धर्म में गंगा को मां का दर्जा दिया गया है और गंगाजल को बहुत ही पवित्र और पूजनीय माना गया है। किसी भी शुभ कार्य और पूजा अनुष्ठान में गंगाजल का प्रयोग अवश्य किया जाता है। गंगाजल के बिना कोई भी मांगलिक कार्य पूरा नहीं होता है। साथ ही सभी पापों से मुक्ति पाने के लिए गंगा दशहरा के दिन गंगा के पवित्र जल में स्नान करना चाहिए। गंगा भवतारिणी हैं, इसलिए हिंदू धर्म में गंगा दशहरा का विशेष महत्व माना जाता है। पौराणिक धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी दिन मां गंगा का अवतरण पृथ्वी पर हुआ था। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगीरथ अपने पूर्वजों की आत्मा का उद्धार करने के लिए गंगा को पृथ्वी पर ले आए थे। इसी वजह से गंगा को भागीरथी भी कहा जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक वर्ष ज्येष्ठ माह में शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा का पावन पर्व मनाया जाता है। इस दिन विधि पूर्वक मां गंगा की पूजा की जाती है। धर्म ग्रंथों के अनुसार, इस दिन गंगा में स्नान करना और इसके बाद दान-पुण्य करने का विशेष महत्व होता है। चलिए जानते हैं गंगा दशहरा का महत्व, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि....

गंगा दशहरा तिथि और स्नान का शुभ मुहूर्त
ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 9 जून को प्रातः काल 8 बजकर 21 मिनट से प्रारंभ होकर 10 जून को सायंकाल 7 बजकर 25 मिनट तक रहेगी। 10 जून को उदया तिथि प्राप्त हो रही है। इस आधार पर गंगा दशहरा 10 जून को मनाई जाएगी। साथ ही इस दिन हस्त नक्षत्र और व्यतिपात योग भी रहेगा। इस योग में स्नान और दान करना अति लाभदायक होता है।
गंगा दशहरा का महत्व
धर्म शास्त्रों के अनुसार, गंगा दशहरा के दिन मां गंगा की विधि-विधान से पूजा अर्चना की जाती है। इस दिन गंगा स्नान का भी विशेष महत्व होता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन मां गंगा की पूजा करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।
गंगा दशहरा पर स्नान और दान का महत्व
गंगा दशहरा वाले दिन प्रातः काल गंगा में स्नान करके सूर्य भगवान को अर्घ्य दिया जाता है। साथ ही पान के पत्ते पर फूल और अक्षत रखकर जल में प्रवाहित कर दिया जाता है। दशहरा का मतलब है 10 विकारों का नाश, इसलिए दशहरा के दिन शुद्ध मन से मां गंगा में डुबकी लगाने से मनुष्य के समस्त पाप धुल जाते हैं।
इसके अलावा गंगा दशहरा के दिन दान का विशेष महत्व है। भीषण गर्मी के प्रकोप को देखते हुए इस दिन गर्मी में काम आने वाली चीजों का दान किया जाता है। मान्यता है कि इस दिन गर्मी में राहत देने वाली 10 चीजों का दान करने से भी मनुष्य को सांसारिक दुखों से मुक्ति मिल जाती है।
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