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आज सावन का पहला सोमवार है. ये दिन शिवभक्तों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा अर्चना की जाती है. इस दिन व्रत रखने से जीवन की सभी परेशानियां दूर हो जाती है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आज सावन के सोमवार का पहला व्रत है. सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित होता है. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विधि- विधान से पूजा अर्चना की जाती है. कई लोग सोमवार के दिन व्रत रखते हैं. शास्त्रों के अनुसार सोमवार का व्रत तीन तरह से रखा जाता है. पहला प्रदोष व्रत, दूसरा सोलह सोमवार व्रत और तीसरा सावन के सोमवार के रूप में रखा जाता है.
श्रद्धालु अपने हिसाब से व्रत रखते हैं. खासतौर पर सोलह सोमवार का व्रत कुंवारी लड़कियां अच्छे पति की कामना के लिए रखती हैं. इसके अलावा सुहागिन महिलाएं वैवाहिक जीवन की परेशानियों को दूर करने के लिए व्रत रखती हैं. सोलह सोमवार का व्रत सावन के पहले सोमवार से रखना शुभ होता है. लेकिन इस व्रत को रखने से पहले कुछ खास नियमों का ध्यान रखना होता है. आइए जानते हैं उन बातों के बारे में.
1. सोमवार के दिन सुबह उठकर नहाने के पानी में तिल डालकर स्नान करना चाहिए.
2. इसके बाद विधि- विधान से भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए. पूजा के दौरान गंगाजल या जल से अभिषेक करना चाहिए. अगर आपने कोई मन्नत मांगी है तो घी, दूध, दही, सरसों का तेल और काला तिल भोलेनाथ को चढ़ाना चाहिए.
3. भोलेनाथ को सेफद फूल, सफेद चंदन, पंचामृत अर्पित करना चाहिए और इसके बाद शिवाष्टक, महामृत्युंजय मंत्र और हर-हर महादेव का जाप करना चाहिए.
4. भगवान शिव की पूजा करने के बाद सोमवार व्रत का पाठ करना चाहिए. इसके बाद पूजा के समापन पर भोलनाथ की आरती करें और प्रसाद का भोग लगाएं.
5. भक्त को प्रसाद के रूप में चूरमा और खीर चढ़ाना चाहिए. व्रत के दौरान नमक वाली चीजें न खाएं.
6. शास्त्रों के अनुसार नवविवाहित जोड़ों को फल, कपड़ों और मिठाईयों का दान देना चाहिए.
सावन में व्रत करने का महत्व
हिंदू धर्म में सावन का महीना बहुत पावन माना गया है. इस महीने में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है. सावन में भोलेनाथ का अभिषेक करने का विशेष महत्व होता है. शास्त्रों में भी इस व्रत को कामनापूर्ति करने वाला कहा गया है.
Bhumika Sahu
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