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सावन का महीना (Sawan Month) भगवान शिव का प्रिय माह होता है. सावन के महीने में भोलेनाथ के भक्त उन्हें प्रसन्न करने के लिए तरह-तरह के पूजा, अनुष्ठान और व्रत रखते हैं.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सावन का महीना (Sawan Month) भगवान शिव का प्रिय माह होता है. सावन के महीने में भोलेनाथ के भक्त उन्हें प्रसन्न करने के लिए तरह-तरह के पूजा, अनुष्ठान और व्रत रखते हैं. भगवान शिव के प्रिय माह होने के कारण इस पूरे महीने भगवान शिव को पसंद की वस्तुएं उन्हें अर्पित की जाती हैं. भगवान शिव को विशेषकर भांग, धतूरा और बेलपत्र जैसी चीजें अर्पित की जाती हैं. ऐसा माना जाता है कि बेलपत्र चढ़ाने से भगवान शिव का आशीर्वाद जल्द प्राप्त होता है, लेकिन सिर्फ बेलपत्र ही नहीं, बल्कि धर्म शास्त्रों में बेल वृक्ष की जड़ को भी उतना ही महत्वपूर्ण बताया गया है. इसके बारे में हमें बता रहे हैं भोपाल के रहने वाले ज्योतिषी एवं पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा.
– बेलपत्र का महत्व
-भगवान शिव की कोई भी पूजा बिना बेलपत्र के नहीं होती. बेलपत्र चढ़ाने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं. सावन के मौके पर बेलपत्र का महत्व और ज्यादा बढ़ जाता है, ऐसा माना गया है कि शिवलिंग पर एक लोटा शुद्ध जल और बेलपत्र चढ़ाने भर से शिव प्रसन्न हो जाते हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, भगवान शिव पर बेलपत्र चढ़ाने से सुख-समृद्धि और मानसिक शांति मिलती है. बेलपत्र को भगवान शिव के तीन नेत्रों का प्रतीक भी माना जाता है.
– बेल वृक्ष की जड़ का महत्व
-आर्थिक तंगी दूर करने का उपाय
धार्मिक पुराणों में उल्लेख मिलता है कि भगवान शिव को बेलपत्र की जड़ अर्पित करने से आर्थिक समस्याओं से छुटकारा मिलता है. पुराणों के अनुसार, बेलपत्र की जड़ में स्वयं माता लक्ष्मी वास करती हैं.
– दरिद्रता दूर करने का उपाय
हिंदू धर्म शास्त्रों में बेल के पेड़ को श्री वृक्ष भी बोला गया है. ऐसा माना जाता है कि बेल वृक्ष की पूजा करने से आर्थिक तंगी दूर होती हैं. साथ ही बेल वृक्ष की जड़ों में अन्य खीर मिष्ठान और घी आदि अर्पित करने से दरिद्रता भी समाप्त होती है.
Tara Tandi
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