धर्म-अध्यात्म

जानिए पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान का महत्व

Ritisha Jaiswal
16 Jan 2022 10:27 AM GMT
जानिए पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान का महत्व
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जानिए पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान का महत्व

Paush Purnima 2022 : हिंदू धर्म में पूर्णिमा का बहुत अधिक महत्व होता है। पौष मास की पूर्णिमा साल की पहली पूर्णिमा होती है। हर साल जनवरी माह में ही पौष माह की पूर्णिमा पड़ती है। पूर्णिमा तिथि पर भगवान विष्णु की विधि- विधान से पूजा- अर्चना की जाती है। पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा- अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान का भी बहुत अधिक महत्व होता है। इस दिन दान करने से भी कई गुना फल की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं पौष माह पूर्णिमा डेट, पूजा- विधि...

मुहूर्त-
पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ - जनवरी 17, 2022 को 03:18 ए एम बजे
पूर्णिमा तिथि समाप्त - जनवरी 18, 2022 को 05:17 ए एम बजे
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पौष पूर्णिमा स्नान-
माघ मास का दूसरा प्रमुख स्नान पर्व पौष पूर्णिमा 17 जनवरी यानी सोमवार को है। शुभ पंचांग के अनुसार पूर्णिमा तिथि 16 जनवरी, रविवार की रात 2:40 बजे शुरू हो जाएगी, जो 17 को भोर में 4: 30 बजे तक रहेगी। इसलिए पूर्णिमा तिथि के स्नान दान का शुभ मुहूर्त उदया तिथि में 17 की ब्रह्ममुहुर्त से शुरू हो जाएगा।
पूजा -विधि-
इस पावन दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने का बहुत अधिक महत्व होता है। आप नहाने के पानी में गंगा जल डालकर स्नान भी कर सकते हैं। नहाते समय सभी पावन नदियों का ध्यान कर लें।
नहाने के बाद घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें।
सभी देवी- देवताओं का गंगा जल से अभिषेक करें।
पूर्णिमा के पावन दिन भगवान विष्णु की पूजा- अर्चना का विशेष महत्व होता है।
इस दिन विष्णु भगवान के साथ माता लक्ष्मी की पूजा- अर्चना भी करें।
भगवान विष्णु को भोग लगाएं। भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को भी शामिल करें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार तुलसी के बिना भगवान विष्णु भोग स्वीकार नहीं करते हैं। इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है।
भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आरती करें।
इस पावन दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का अधिक से अधिक ध्यान करें।
पूर्णिमा पर चंद्रमा की पूजा का भी विशेष महत्व होता है।
चंद्रोदय होने के बाद चंद्रमा की पूजा अवश्य करें।
चंद्रमा को अर्घ्य देने से दोषों से मुक्ति मिलती है।
इस दिन जरूरतमंद लोगों की मदद करें।
अगर आपके घर के आसपास गाय है तो गाय को भोजन जरूर कराएं। गाय को भोजन कराने से कई तरह के दोषों से मुक्ति मिल जाती है।


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