धर्म-अध्यात्म

जानें आमलकी एकादशी का क्या है महत्व

Tulsi Rao
26 Feb 2023 1:25 PM GMT
जानें आमलकी एकादशी का क्या है महत्व
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Amalaki Ekadashi 2023 : फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को आमलकी एकादशी मनाया जाता है. इस साल ये पर्व दिनांक 3 मार्च को मनाया जाएगा. इस दिन भगवान विष्णु और आंवले के पेड़ की पूजा करने का विशेष विधि-विधान है. ऐसी मान्यता है कि जो व्यक्ति आमलकी एकादशी की पूजा और व्रत ठीक ढंग से करता है और नियमों का पालन करता है, उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है. तो ऐसे में आइए जानते हैं कि इस व्रत का महत्व क्या है, इस दिन कौन सा दुर्लभ संयोग बन रहा है और साथ भगवान विष्णु के किन मंत्रों का जाप करना शुभ होता है.

जानें आमलकी एकादशी का क्या है महत्व

आमलकी एकादशी के दिन भगवान विष्णु के सेथ आंवले के पेड़ की भी पूजा करने का विशेष विधि-विधान है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, आंवले के पेड़ में साक्षात ईश्वर का वास होता है. इस दिन जो व्यक्ति आंवले के पेड़ के नीचे भगवान विष्णु की पूजा करता है. उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है और साथ ही उसकी सभी मनोकामनाएं भी पूरी हो जाती है.

इस दिन बन रहा है दुर्लभ संयोग

इस बार आमलकी एकादशी पर कई दुर्लभ संयोग बन रहा है. आपको बता दं, वार और नक्षत्र के योग से सुबह से लेकर दोपहर तक सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है. इस दिन आप कोई भी शुभ काम कर सकते हैं.

वहीं दोपहर 03 बजकर 43 मिनट से लेकर शाम तक सौभाग्य योग रहने वाला है. इस दौरान शादी करने से आपका वैवाहिक जीवन सुखमय रहता है और अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है.

इस दिन इन मंत्रों का जाप जरूर करना चाहिए

ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।। - ॐ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर।

इस दिन पूजा के बाद जरूर करें आरती

ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी! जय जगदीश हरे।

भक्तजनों के संकट क्षण में दूर करे॥

जो ध्यावै फल पावै,दुख बिनसे मन का,,,

सुख-संपत्ति घर आवै, कष्ट मिटे तन का॥

ॐ जय जगदीश हरे….. …… ….

मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूं किसकी।

तुम बिन और न दूजा, आस करूं जिसकी,,,,

ओम जय जगदीश हरे…॥

तुम पूरन परमात्मा, तुम अंतरयामी।

पारब्रह्म परेमश्वर, तुम सबके स्वामी॥

ॐ जय जगदीश हरे…. …. …

तुम करुणा के सागर तुम पालनकर्ता।

मैं मूरख खल कामी, कृपा करो भर्ता॥

ॐ जय जगदीश हरे…. ….. ….

तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति।

किस विधि मिलूं दयामय! तुमको मैं कुमति॥

ॐ जय जगदीश हरे…. …. ….

दीनबंधु दुखहर्ता, तुम ठाकुर मेरे।

अपने हाथ उठाओ, द्वार पड़ा तेरे॥

ॐ जय जगदीश हरे…. …. ….

विषय विकार मिटाओ, पाप हरो देवा।

श्रद्धा-भक्ति बढ़ाओ, संतन की सेवा॥

ॐ जय जगदीश हरे…. …. ….

तन-मन-धन और संपत्ति, सब कुछ है तेरा।

तेरा तुझको अर्पण क्या लागे मेरा॥

ॐ जय जगदीश हरे…. … …..

जगदीश्वरजी की आरती जो कोई नर गावे।

कहत शिवानंद स्वामी मनवांछित फल पावे॥

ॐ जय जगदीश हरे…. … ….

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