धर्म-अध्यात्म

जानें लट्ठमार होली, रंगभरी एकादशी, फाल्गुन पूर्णिमा से लेकर होलिका दहन की सही तारीख, मंत्र, उपाय व शुभ मुहूर्त

Bhumika Sahu
9 March 2022 5:07 AM GMT
जानें लट्ठमार होली, रंगभरी एकादशी, फाल्गुन पूर्णिमा से लेकर होलिका दहन की सही तारीख, मंत्र, उपाय व शुभ मुहूर्त
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अपने पराए के भेद को मिटा देने वाला एकता मिलन और आपसी सद्भाव के साथ सभी प्रकार के सामाजिक बंधनों को तोड़कर एक दूसरे पर रंग अबीर गुलाल लगा कर के आपसी सौहार्द बनाए रखने तथा भारतीय सनातन धर्म को गौरवान्वित करते हुए वसुधैव कुटुंबकम की भावना को जागृत करने वाला रंगोत्सव का महान पर्व चैत्र कृष्ण पक्ष प्रतिपदा 18 एवं उदय कालिक चैत्र कृष्ण पक्ष प्रतिपदा 19 मार्च 2022 को पूरे देश में एक साथ बड़े ही धूम धाम के साथ मनाया जायेगा।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अपने पराए के भेद को मिटा देने वाला एकता मिलन और आपसी सद्भाव के साथ सभी प्रकार के सामाजिक बंधनों को तोड़कर एक दूसरे पर रंग अबीर गुलाल लगा कर के आपसी सौहार्द बनाए रखने तथा भारतीय सनातन धर्म को गौरवान्वित करते हुए वसुधैव कुटुंबकम की भावना को जागृत करने वाला रंगोत्सव का महान पर्व चैत्र कृष्ण पक्ष प्रतिपदा 18 एवं उदय कालिक चैत्र कृष्ण पक्ष प्रतिपदा 19 मार्च 2022 को पूरे देश में एक साथ बड़े ही धूम धाम के साथ मनाया जायेगा। फाल्गुन शुक्ल पक्ष अष्टमी तिथि 10 मार्च 2022 दिन गुरुवार को सूर्योदय प्रातः 06:09 बजे के बाद होलाष्टक आरम्भ हो जायेगा।

लट्ठमार होली 2022 कब है?
होलाष्टक में केवल विपासा एवं रावती नदी के किनारे के समीपस्थ क्षेत्रों एवं व्यास-रावी तथा त्रिपुष्कर में ही विवाहादि शुभ कार्य वर्जित रहते हैं। इसके अलावा अन्य क्षेत्रो में इसका कोई दोष नही लगता है। होलाष्टक के आरंभ के साथ ही संपूर्ण भारत वर्ष में होली के उपलक्ष्य में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इसी क्रम में व्रजभूमि में लट्ठमार होली 13 मार्च दिन रविवार को अपनी विशिष्ट पारंपरिक शैली के साथ हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा।
कब है आमलकी एकादशी या रंगभरी एकादशी 2022
आमलकी एकादशी व्रत का मान सबके लिये 14 मार्च 2022 दिन सोमवार को है । इसी को " रंगभरी एकादशी " भी कहा जाता है। काशी क्षेत्र में रंगभरी एकादशी व्रत बहुत ही पवित्र पर्व के रूप में मनाया जाता है क्योंकि ऐसी मान्यता है कि आमलकी एकादशी के ही दिन भगवान भोलेनाथ माता गौरा पार्वती का गवना करा कर के काशी में लाए थे। इसी श्रद्धा एवं विश्वास पूर्ण मान्यता के अनुसार रजत पालकी में विराजित माता गौरा पार्वती के विग्रह का पूजन कर काशी वासी सहित सम्पूर्ण उत्तर भारत निवासी अबीर गुलाल उड़ाते हुए अति प्रसन्न होकर के रंगभरी एकादशी का पावन पर्व परंपरा के अनुसार मनाते हैं।
मार्च महीने में कब रखा जाएगा प्रदोष व्रत 2022
कर्ज से मुक्ति पाने के लिए अति महत्वपूर्ण भौम प्रदोष का व्रत 15 मार्च 2022 मंगलवार को किया जायेगा।
फाल्गुन पूर्णिमा 2022 कब है?
व्रत के लिए फाल्गुनी पूर्णिमा 17 मार्च 2022 दिन गुरुवार को होगा। इसी दिन अर्थात 17 मार्च को पूर्णिमा की रात्रि एवं भद्रा 12:57 बजे के बाद होलिका दहन किया जाएगा । क्योंकि स्नान दान की पूर्णिमा 18 मार्च दिन शुक्रवार को दिन में 12:53 बजे के बाद पूर्णिमा तिथि समाप्त हो जायेगी ।
होलिका दहन 2022 की डेट व शुभ मुहूर्त
17 मार्च दिन गुरुवार की रात में 12:57 के बाद होलिका दहन का कार्य संपन्न होगा । होलिका दहन के समय डुण्डा राक्षसी एवं होलिका का विधिवत पूजन अर्चन के बाद " ॐ होलिकायै नमः" मन्त्र का उच्चारण करते हुए होलिका दहन किया जायेगा। चैत्र कृष्ण पक्ष प्रतिपदा के दिन होलिकोत्सव मनाने की परंपरा रही है। ऐसे में इस वर्ष उदय कालिक प्रतिपदा तिथि 19 मार्च को प्राप्त हो रही है। परंतु प्रतिपदा तिथि का मान 18 मार्च 2022 दिन शुक्रवार को दिन में 12:53 के बाद आरंभ हो जाएगा।
प्रतिपदा तिथि में ही रंगोत्सव अर्थात रंग भरी होली का परम पुनीत पर्व बड़े ही धूमधाम के साथ संपूर्ण भारत वर्ष में 18 मार्च दिन शुक्रवार को मनाया जाएगा। परंतु उदय कालिक प्रतिपदा तिथि में 19 मार्च 2022 को रंगोत्सव का पावन पर्व पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। आज के ही दिन होलिका के भस्म को माथे पर लगाते हुए आगामी संवत्सर की कुशलता की मंगल कामना की जाती है। चैत्र कृष्ण पक्ष प्रतिपदा से लेकर के चैत्र कृष्ण पक्ष पंचमी तिथि तक होली का हुड़दंग संपूर्ण भारत वर्ष में चलता रहेगा और 22 मार्च दिन मंगलवार को समाप्त होगा।


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