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आर्टिफिशियल फूल या पॉटपुरी से घर की महिलाओं की सेहत पर नकारात्मक असर पड़ता है। नकली फूल से ज्यादा नकारात्मक
बाजार में घर को सजाने के लिए सजावट के सैंकड़ों सामान या आइटम मौजूद हैं। उन्हीं में से एक है आर्टिफिशियल फ्लावर या कृत्रिम फूल यानी नकली फूल। इस फूलों से आपका कमरा तो नया और सुंदर लगा है साथ ही ये कभी खराब नहीं होते और लंबे समय तक चलते हैं। बस महीने में एक बार इन्हें धोने की जरूरत पड़ती है। किसी भी सुंदर से फ्लॉवर पाट में आप इन फूलों को सजाकर अपने घर को आकर्षक लुक दे सकते हैं। आप चाहें तो इन्हें गुलदस्ते के तौर पर सजा सकते हैं या फिर खाली टहनी की तरह भी घर में रख सकते हैं। लेकिन क्या आपको बता है कि यह गंमीर बीमारी का कारण भी बन सकते हैं?
1. वास्तु शास्त्र में आर्टिफिशियल फूल को अशुभ माना जाता है। इन आर्टिफिशियल पौधों और फूलों से घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होने की बात कही जाती है।
2. ऐसी मान्यता है कि इन फूलों के कारण घर परिवार में खुशियां भी नकली हो जाती है। घर के सदस्यों में आपसी मतभेद बढ़ जाते हैं। घर का माहौल खराब हो जाता है।
3. इसे परिवार के लोगों में दिखावा और झूठ बोलने की आदत भी पड़ जाती है।
4. वास्तु शास्त्र के अनुसार सूखे फूल भी नहीं रखना चाहिए। इन्हें 'पॉटपुरी' कहते हैं। इन्हें अशुभ माना जाता है। 'पॉटपुरी' से घर में मृत-ऊर्जा का विस्तार होता है। खुशियां गायब हो जाती है और सभी के स्वभाव चिढ़चिढ़े हो जाते हैं।
5. आर्टिफिशियल फूल या पॉटपुरी से घर की महिलाओं की सेहत पर नकारात्मक असर पड़ता है। नकली फूल से ज्यादा नकारात्मक पॉटपुरी फूल होते हैं जिन्हें विष के समान माना गया है। दोनों से ही महिलाओं को तनाव होता है और सिरदर्द की समस्या उत्पन्न हो जाती है। आगे चलकर उन्हें कई गंभीर रोग भी हो सकते हैं।
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