धर्म-अध्यात्म

जानिए वैशाख माह की शिवरात्रि की तिथि, पूजा मुहूर्त और महत्व

Tara Tandi
23 April 2022 6:06 AM GMT
जानिए वैशाख माह की शिवरात्रि की तिथि, पूजा मुहूर्त और महत्व
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जानिए वैशाख माह की शिवरात्रि की तिथि, पूजा मुहूर्त और महत्व

प्रत्येक माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है। शिवरात्रि के दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा का विधान है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। प्रत्येक माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है। शिवरात्रि के दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा का विधान है। मासिक का अर्थ है 'महा या मास' और शिवरात्रि का अर्थ है 'भगवान शिव की रात'। इस दिन रात्रि प्रहर की पूजा का विशेष महत्व होता है। वैसे तो वर्ष में फाल्गुन मास की शिवरात्रि को महाशिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है, लेकिन प्रत्येक माह पड़ने वाली शिवरात्रि का भी विशेष महत्व माना जाता है। इस दिन व्रत, पूजन के साथ ही भगवान शिव का अभिषेक करना बहुत ही शुभ रहता है। धार्मिक मान्यता है कि मासिक शिवरात्रि का व्रत करने से शिवजी की कृपा प्राप्त होती है और भोलेनाथ की कृपा से असंभव और कठिन कार्यों को भी पूरा किया जा सकता है। साथ ही मासिक शिवरात्रि का व्रत करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। तो चलिए आज जानते हैं वैशाख माह की शिवरात्रि का शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजन विधि....

वैशाख माह की शिवरात्रि तिथि
वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि का प्रारंभ 28 अप्रैल दिन गुरुवार को रात 12 बजकर 26 मिनट पर हो रहा है। वहीं इस तिथि का समापन 29 अप्रैल की देर रात 12 बजकर 57 मिनट पर हो रहा है। ऐसे में उदया तिथि के आधार पर वैशाख माह की शिवरात्रि का व्रत 29 अप्रैल दिन शुक्रवार को रखा जाएगा।
वैशाख माह की शिवरात्रि का शुभ मुहूर्त
वैसे तो शिवरात्रि का पूरा दिन शुभ होता है, लेकिन इस दिन रात्रि प्रहर की पूजा का शुभ मुहूर्त 29 अप्रैल की रात 11 बजकर 57 मिनट से रात 12 बजकर 40 मिनट तक है। यदि आप किसी विशेष मनोकामना की पूर्ति के लिए शिवरात्रि की पूजा करना चाहते हैं, तो इस मुहूर्त में कर सकते हैं।
शिवरात्रि का महत्व
शिवरात्रि शिव जी की प्रिय तिथि है। इस दिन विधि-विधान के साथ पूजन व व्रत करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों के सभी कष्टों को दूर करते हैं।
मान्यता के अनुसार, शिवरात्रि पर व्रत पूजन करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है और सकारात्मकता का संचार होता है। समस्याओं से मुक्ति पाने के लिए शिवरात्रि के दिन शिवलिंग का रुद्राभिषेक करना बहुत शुभ फलदायी माना जाता है। साथ ही इस दिन शिव मंत्रों का जाप करना भी बेहद लाभप्रद रहता है।
मासिक शिवरात्रि पूजा विधि
मासिक शिवरात्रि के दिन प्रातः जल्दी उठकर नित्य क्रिया से निवृत्त होकर स्नानादि करें। इस समय यदि मंदिर नहीं जा सकते तो घर पर रहकर ही पूजन करें।सबसे पहले शिव जी के समक्ष पूजा स्थान में दीप प्रज्वलित करें। यदि घर शिवलिंग है तो दूध, और गंगा जल आदि से अभिषेक करें। शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा आदि अवश्य अर्पित करें। इस दिन भगवान शिव के साथ माता पार्वती की पूजा भी करनी चाहिए। पूजा करते समय नम: शिवाय मंत्र का उच्चारण करते रहें। भगवान शिव को भोग लगाएं और आरती करें।
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