धर्म-अध्यात्म

जानिए सावन के पहले प्रदोष व्रत की तिथि और पूजा मुहूर्त

Tara Tandi
19 July 2022 6:02 AM GMT
जानिए सावन के पहले प्रदोष व्रत की तिथि और पूजा मुहूर्त
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सावन प्रदोष व्रत (Sawan Pradosh Vrat) श्रावण माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाएगा.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सावन प्रदोष व्रत (Sawan Pradosh Vrat) श्रावण माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाएगा. हर माह की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत होता है. इस समय सावन का कृष्ण पक्ष चल रहा है, तो सावन का पहला प्रदोष व्रत 25 जुलाई दिन सोमवार को रखा जाएगा. यह सावन का सोम प्रदोष व्रत है. मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए सोम प्रदोष व्रत रखा जाता है. इस दिन प्रदोष मुहूर्त में भगवान शिव की विधिपूर्वक पूजा अर्चना करते हैं. पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र से जानते हैं सावन के पहले प्रदोष व्रत की तिथि, पूजा मुहूर्त, योग आदि के बारे में.

सावन का पहला प्रदोष व्रत 2022 तिथि
पंचांग के अनुसार, सावन के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ 25 जुलाई सोमवार को शाम 04 बजकर 15 मिनट से हो रहा है और इस तिथि का समापन अगले दिन 26 जुलाई मंगलवार को शाम 06 बजकर 46 मिनट पर होगा. त्रयोदशी तिथि में शिव पूजा के लिए प्रदोष मुहूर्त 25 जुलाई को ही प्राप्त हो रहा है, इसलिए प्रदोष व्रत 25 जुलाई को रखा जाएगा.
प्रदोष व्रत 2022 पूजा मुहूर्त
25 जुलाई को सोम प्रदोष की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 07 बजकर 17 मिनट से रात 09 बजकर 21 मिनट तक है. इस दिन शिव पूजा के लिए दो घंटे से अधिक का समय प्राप्त होगा.
सर्वार्थ सिद्धि योग में सोम प्रदोष व्रत
सावन का पहला सोमवार व्रत सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग में है. ये दोनों ही योग एक ही समय पर बन रहे हैं. 25 जुलाई को सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग प्रात: 05 बजकर 38 मिनट से शुरु हो रहे हैं और देर रात 01 बजकर 06 मिनट पर समाप्त हो रहे हैं.
इस दिन का शुभ समय दोपहर 12 बजे से शुरु होकर दोपहर 12 बजकर 55 मिनट तक है. इस दिन का राहुकाल प्रात: 07 बजकर 21 मिनट से सुबह 09 बजकर 03 मिनट तक है. ​हालांकि प्रदोष व्रत की पूजा शाम के समय में है, तो राहुकाल देखने की आवश्यकता नहीं है.
प्रदोष व्रत का महत्व
प्रदोष व्रत रखने से संतान, आरोग्य, धन, धान्य, सुख, शांति आदि की प्राप्ति होती है. पुत्र प्राप्ति के लिए शनि प्रदोष व्रत रखा जाता है. सोम प्रदोष व्रत मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए रखते हैं. दिन के आधार पर प्रदोष व्रत के फल भी होते हैं.
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