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देवउठनी एकादशी : देवउठनी एकदशी को देवउठन एकादशी और देव प्रबोधिनी एकादशी भी कहा जाता है। देव उठनी के दिन भगवान विष्णु ध्यान मुद्रा से उठते है। इस दिन से सारे शुभ काम शुरू होते है। क्योकि देवउठनी एकादशी के दिन चातुर्मास समाप्त होता है। इस साल 2 नवंबर को देवउठनी एकादशी मनाई जाएगी।
एकादशी तिथि प्रारम्भ- 22 नवम्बर 2023 बुधवार को सुबह 11:03 बजे से।
एकादशी तिथि समाप्त- 23 नवम्बर 2023 को रात्रि 09:01 बजे समाप्त।
24 नवम्बर को पारण (व्रत तोड़ने का) समय- सुबह 06:51 से 08:57 के बीच।
कार्तिक मास की एकादशी यानी देव उठनी एकादशी 23 नवंबर 2023 को है।
इस दिन की ग्यारस से सभी तरह के मांगलिक कार्य प्रारंभ हो जाएंगे।
खासकर चार माह के बाद विवाह के कार्य प्रारंभ होंगे।
इस दिन श्री हरि विष्णु अपनी चार माह की योगनिद्रा से जागते हैं।
इसीलिए उनका तुलसी माता के साथ विवाह करने की परंपरा भी है।
शालिग्राम के साथ तुलसी का आध्यात्मिक विवाह देव उठनी एकादशी को होता है।
इस दिन तुलसी की पूजा का महत्व है। तुलसी दल अकाल मृत्यु से बचाता है।
शालीग्राम और तुलसी की पूजा से पितृदोष का शमन होता है।