धर्म-अध्यात्म

जानिए भाद्रपद शिवरात्रि की तिथि, मुहूर्त और शुभ योग

Tara Tandi
19 Aug 2022 5:29 AM GMT
जानिए भाद्रपद शिवरात्रि की तिथि, मुहूर्त और शुभ योग
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भाद्रपद शिवरात्रि (Bhadrapad Shivratri) कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाएगी. वैसे हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि होती है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। भाद्रपद शिवरात्रि (Bhadrapad Shivratri) कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाएगी. वैसे हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि होती है. इस दिन व्रत रखते हैं और भगवान शिव की पूजा विधि विधान से करते हैं. शिवरात्रि व्रत करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं. वे भक्तों के दुखों को दूर करके मनोकामनाएं पूरी करते हैं. शिवरात्रि की रात आप शिव मंत्रों के जाप से सिद्धि भी प्राप्त कर सकते हैं. श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ मृत्युञ्जय तिवारी से जानते हैं भाद्रपद शिवरात्रि की तिथि, मुहूर्त, शुभ योग आदि के बारे में.


भाद्रपद शिवरात्रि 2022 तिथि
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि का प्रारंभ 25 अगस्त को सुबह 10 बजकर 37 मिनट पर हो रहा है. यह तिथि 26 अगस्त को दोपहर 12 बजकर 23 मिनट पर समाप्त हो रही है. शिवरात्रि की पूजा का शुभ समय रात्रि प्रहर में 25 अगस्त को प्राप्त हो रही है, इसलिए भाद्रपद शिवरात्रि व्रत 25 अगस्त को ही रखा जाएगा.

भाद्रपद शिवरात्रि 2022 पूजा मुहूर्त
वैसे तो आप शिव पूजा कभी भी कर सकते हैं, लेकिन शिवरात्रि यानि शिव की रात्रि की पूजा का शुभ समय रात 12 बजकर 01 मिनट से देर रात 12 बजकर 45 मिनट तक है. इस दिन आपको 44 मिनट तक शिव पूजा का शुभ अवसर मिलेगा.

तीन शुभ योगों में भाद्रपद शिवरात्रि
25 अगस्त को भाद्रपद शिवरात्रि के दिन तीन शुभ योग सर्वार्थ सिद्धि योग, गुरु पुष्य योग और अमृत सिद्धि योग बन रहे हैं. ये तीनों ही योग सुबह 05 बजकर 55 मिनट पर एक साथ प्रारंभ होंगे और शाम 04 बजकर 16 मिनट पर एक साथ ही समाप्त होंगे. ये तीनों ही योग कार्यों में सफलता प्रदान करने वाले हैं.

इन शुभ योगों में पूजा करके आप ​शिव कृपा से अपनी मनोकामनाएं पूरी कर सकते हैं. इस दिन का शुभ समय या अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 57 मिनट से दोपहर 12 बजकर 49 मिनट तक है.

इस दिन भद्रा भी लग रही है. भद्रा का समय सुबह 10 बजकर 37 मिनट से सुबह 11 बजकर 33 मिनट तक है. इस समय में कोई भी शुभ कार्य न करें. इसे अशुभ समय माना जाता है.
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