धर्म-अध्यात्म

जानें आषाढ़ माह की मासिक शिवरात्रि की तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Tara Tandi
20 Jun 2022 2:34 PM GMT
जानें आषाढ़ माह की मासिक शिवरात्रि की तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
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हिंदू पंचांग के अनुसार हर महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिंदू पंचांग के अनुसार हर महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है. इस बार आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की मासिक शिवरात्रि 27 जून को पड़ रही है. इस दिन सोमवार है. इस दिन शिव भक्त भगवान शिव की पूजा विधि-विधान से करते हैं. शिव भगवान को प्रसन्न करने के लिए लोग इस दिन व्रत रखते हैं. मासिक शिवरात्रि (Ashadha Masik Shivratri) के दिन भगवान शिव के साथ उनके पूरे परिवार की पूजा की जाती है. इस दिन पूजा करने और व्रत रखने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है. आइए जानें आषाढ़ माह की मासिक शिवरात्रि की तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि.

मासिक शिवरात्रि 2022 तिथि
इस बार आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि की शुरुआत सोमवार 27 जून सुबह 03 बजकर 25 मिनट से होगी. इस तिथि का समापन अगले दिन मंगलवार की सुबह 05 बजकर 52 मिनट पर होगा. उदयातिथि के आधार पर इस बार मासिक शिवरात्रि का व्रत 27 जून को रखा जाएगा.
मासिक शिवरात्रि की पूजा विधि
मासिक शिवरात्रि की पूजा सुबह या शाम कभी भी कर सकते हैं.इस दिन सुबह जल्दी उठें. स्नान करने के बाद साफ कपड़े पहनें. घर की सफाई करें. मंदिर की सफाई करें. गंगा जल से घर और मंदिर को शुद्ध करने के लिए छिड़काव करें. इस दिन शिवलिंग पर गंगा जल और दूध आदि से अभिषेक करना चाहिए. भगवान शिव को बेल पत्र अर्पित करें. भगवान को भोग लगाएं. इन दिन दूध, सफेद वस्त्र और शक्कर का दाना करना बहुत ही अच्छा माना जाता है. इन चीजों का दान करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं. मासिक शिवरात्रि के दिन गंगा जल, धतूरा, अक्षत, बेल पत्र और आक आदि भगवान शिव को अर्पित करने चाहिए. भगवान शिव के सामने घी का दीपक जलाएं. शिवरात्रि के दिन कच्चे चावल और काले तिल मिलाकर दान करें. इससे आर्थिक स्थिति में सुधार होता है. इस दिन व्रत रखना बहुत ही शुभ माना जाता है. इस दिन ॐ नमः शिवाय मंत्र का 108 बार जाप करें. भगवान शिव की आरती हैं.ऐसे करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. घर में सुख-समृद्धि आती है. इस दिन व्रत रखने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. पूजा के बाद प्रार्थना करें.
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