धर्म-अध्यात्म

जानिए हलहारिणी अमावस्या की तिथि और महत्व

Tara Tandi
27 Jun 2022 8:03 AM GMT
जानिए हलहारिणी अमावस्या की तिथि और महत्व
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आषाढ़ महीने में आने वाली अमावस्या को हलहारिणी अमावस्या कहा जाता है और इस बार इसकी डेट को लेकर लोग काफी असमंजस में है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आषाढ़ महीने में आने वाली अमावस्या को हलहारिणी अमावस्या कहा जाता है और इस बार इसकी डेट को लेकर लोग काफी असमंजस में है. क्योंकि इस बार आषाढ़ माह ही अमावस्या ति​थि 28 और 29 जून दो दिन बताई जा रही है. हिंदू धर्म में इस अमावस्या का विशेष महत्व है क्योंकि इस दिन पितृ शांति के लिए विशेष प्रकार की पूजा की जाती है. साथ ही इस दिन दान का भी काफी महत्व है. आइए जानते हैं इस बार किस दिन पड़ेगी हलहारिणी अमावस्या और इसकी पूजन विधि.

हलहारिणी अमावस्या की तिथि
हिंदू पंचांग के अनुसार हलहाारिणी अमावस्या 28 और 29 जून को पड़ रही है. हलहारिणी अमावस्या 28 जून, मंगलवार को है सुबह 5:52 बजे शुरू होगी और 29 जून 2022 की सुबह 8:21 बजे तक रहेगी. 28 जून के दिन श्राद्ध और पितरों की विशेष पूजा की जाएगी. जबकि 29 जून को स्नान और दान की अमावस्या होगी.
हलहारिणी अमावस्या का महत्व
हलहारिणी अमावस्या 2022 यानि आषाढ़ माह की अमावस्या का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है. क्योंकि यह अमावस्या पितरों की शांति के लिए होती है और इस दिन पितरों की विशेष पूजा की जाती है. इस अमावस्या के दिन पितरों के नाम से कपड़ व अन्न का दान करना महत्वपूर्ण होता हे. मान्यता है कि ऐसा करने से पितृ प्रसन्न होते हैं. इसके अलावा हलहारिणी अमावस्या किसानों के लिए भी काफी मायने रखती है. इस दिन किसान अपने कृषि उपकरणों की पूजा करते हैं.
हलहारिणी अमावस्या के दिन करें ये काम
आषाढ़ माह की अमावस्या के दिन पवित्र नदी में स्नान करने का महत्व है. लेकिन संभव न हो तो नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान जरूर करें.
स्नान के बाद उगते सूर्य को जल अर्पित किया जाता है. इस दिन कई लोग व्रत भी करते हैं और मान्यता है कि अमावस्या का व्रत बहुत फलदायी होता है.
हलहारिणी अमावस्या के दिन पितरों का तर्पण और श्राद्ध जरूर करना चाहिए. ऐसा करने से पितरों को मोक्ष प्राप्त होता है.
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