धर्म-अध्यात्म

जानिए जगन्नाथ रथ यात्रा का डेट और महत्व, शामिल नहीं हो सकेंगें श्रद्धालु

Gulabi
11 Jun 2021 8:18 AM GMT
जानिए जगन्नाथ रथ यात्रा का डेट और महत्व, शामिल नहीं हो सकेंगें श्रद्धालु
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जगन्नाथ रथ यात्रा

Jagannath Puri Rath Yatra 2021: हिंदू धर्म में जगन्नाथ पूरी रथ यात्रा का खास महत्त्व है. हिंदू पंचांग के अनुसार, जगन्नाथ रथ यात्रा का आयोजन अषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि से शुरू की जाती है और यह रथयात्रा 10 दिनों तक चलती है. इस रथ यात्रा का आयोजन उड़ीसा के जगन्नाथ मंदिर से होता है. इसमें बहुत बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं. परंतु इस बार भी कोरोना महामारी के चलते इस रथ यात्रा में भक्त शामिल नहीं हो सकेगें.

भगवान विष्णु के अवतार भगवान जगन्नाथ उनके भाई बलभद्र और बहन देवी सुभद्रा के साथ जगन्नाथ रथ यात्रा का आयोजन किया जाता है. इस रथ यात्रा में सबसे आगे बलभद्र का रथ उसके बाद देवी सुभद्रा का रथ और सबसे अंत में भगवान जगन्नाथ का रथ चलता है. बलभद्र के रथ को तालध्वज कहा जाता है जबकि देवी सुभद्रा के रथ को दर्पदलन या पद्म रथ कहते हैं. सबसे अंत में चलने वाले भगवान जगन्नाथ के रथ को नंदी घोष कहते हैं.
जगन्नाथ पूरी रथ यात्रा की डेट
पंचांग के मुताबिक साल 2021 में जगन्नाथ पूरी रथ यात्रा 12 जुलाई से शुरू होगी तथा 20 जुलाई को खत्म होगी. संयोग से 20 जुलाई को देवशयनी एकादशी भी है. इस यात्रा के पहले दिन भगवान जगन्नाथ प्रसिद्ध गुंडिचा माता के मंदिर में जाते हैं.
महत्त्व
यह हिंदुओं के चार धामों में से एक है. इस मंदिर की स्थापना करीब 800 साल पहले हुई थी. इस मंदिर में भगवान जगन्नाथ उनके भाई बलभद्र और बहन देवी सुभद्रा मूर्तियाँ हैं. इनके दर्शन से भक्त की मनोकामनाएं पूरी होती है. धार्मिक मान्यता है कि इस रथ यात्रा के दर्शन मात्र से सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है और मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है.
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