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हिंदू धर्म में ऐसे कई सारे व्रत त्योहार हैं जो भोले भंडारी की पूजा को समर्पित है इन्हीं में से एक व्रत है प्रदोष व्रत जो कि शिव आराधना के लिए उत्तम माना जाता हैं। इस दिन भक्त भगवान शिव शंकर की विधिवत पूजा करते हैं और व्रत आदि भी रखते है। पंचांग के अनुसार प्रदोष व्रत हर मास के कृष्ण पख की त्रयोदशी तिथि पर किया जाता है।
अभी वैशाख का महीना चल रहा है और इस महीने पड़ने वाला पहला प्रदोष व्रत बेहद खास है। क्योंकि ये व्रत शिव को समर्पित सोमवार के दिन पड़ रहा है जिसे सोम प्रदोष व्रत के नाम से जाना जा रहा है। इस दिन व्रत पूजन का साधक को उत्तम फल प्राप्त होगा। सोम प्रदोष व्रत के प्रभाव से शादीशुदा जीवन में सुख शांति, संतान प्राप्ति और आर्थिक लाभ होता है साथ ही जीवन की सभी परेशानियां भी दूर हो जाती हैं। तो आज हम आपको वैशाख मास में पड़ने वाले प्रथम प्रदोष व्रत की तारीख और मुहूर्त के बारे में बता रहे हैं तो आइए जानते है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार वैशाख मास का पहला प्रदोष व्रत 17 अप्रैल को किया जाएगा। इस दिन सोमवार है इसलिए इसे सोम प्रदोष व्रत के नाम से जाना जा रहा है। पंचांग के अनुसार वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 17 अप्रैल को दोपहर 3 बजकर 46 मिनट से आरंभ हो रही है और इसका समापन अगले दिन यानी 18 अप्रैल को दोपहर 1 बजकर 27 मिनट पर हो रहा है।
ऐसे में इस दिन शिव पूजा प्रदोष काल में करना उत्तम होता है। सोम प्रदोष व्रत पर पूजन के लिए शुभ मुहूर्त 17 अप्रैल को शाम 6 बजकर 48 मिनट से रात्रि 9 बजकर 1 मिनट का शुभ मुहूर्त हैं। जिसमें शिव पूजा करने से साधक को अपार फल की प्राप्ति होती है।
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