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हिंदू धर्म में पूर्णिमा और अमावस्या की तिथि को बेहद ही खास माना जाता हैं जो कि हर माह में एक बार पड़ती हैं अभी सावन अधिक मास चल रहा हैं ऐसे में इस बार पड़ने वाली अमावस्या बेहद ही खास हैं क्योंकि यह अमावस्या तीन साल में एक बार आती हैं। इस दिन स्नान दान और पूजा पाठ करने का विधान होता हैं।
अधिकमास की अमावस्या के दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान, श्राद्ध, तर्पण करना शुभ माना जाता हैं ऐसा करने से पितृप्रसन्न होकर कृपा करते हैं और सुख समृद्धि व धन की प्राप्ति होती हैं। साथ ही परिवार के लोगों की तरक्की के मार्ग खुल जाते हैं तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा अधिक मास अमावस्या की तिथि और मुहूर्त के बारे में बता रहे हैं, तो आइए जानते हैं।
अधिक मास अमावस्या की तिथि और मुहूर्त—
हिंदू पंचांग के अनुसार अधिक मास की अमावस्या तिथि 15 अगस्त की दोपहर 12 बजकर 42 मिनट से आरंभ हो जाएगी और 16 अगस्त की दोपहर 3 बजकर 7 मिनट पर समाप्त हो रही हैं। उदया तिथि के अनुसार अधिक मास की अमावस्या का स्नान 16 अगस्त को करना उत्तम रहेगा। इसी दिन मंगला गौरी व्रत भी किया जाएगा।
मान्यता है कि इस दिन स्नान दान के लिए शुभ मुहूर्त 4 बजकर 20 मिनट से सुबह 5 बजकर 2 मिनट तक रहेगा। वही 15 अगस्त को दर्श अमावस्या मनाई जाएगी। इस दिन पूर्वज धरती लोक पर आकर अपने परिवार वालों को आशीर्वाद देते हैं कहा जाता हैं कि दर्श अमावस्या के दिन चंद्रदेव की उपासना करने से कुंडली का चंद्रमा मजबूत होकर शुभ फल प्रदान करता हैं।
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