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धर्म-अध्यात्म
जानें बाथरूम का सही दिशा , नहीं तो सेहत पर पड़गा बुरा असर
Ritisha Jaiswal
18 Jan 2022 3:03 PM GMT
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वास्तुशास्त्र में घर की आवश्यकताओं के लिए निश्चित स्थान निर्धारित किया गया है, जिससे कि उसमें रहने वाले लोगों की तरक्की में कोई बाधा न हो, न ही उनकी सेहत पर कोई बुरा असर हो
वास्तुशास्त्र में घर की आवश्यकताओं के लिए निश्चित स्थान निर्धारित किया गया है, जिससे कि उसमें रहने वाले लोगों की तरक्की में कोई बाधा न हो, न ही उनकी सेहत पर कोई बुरा असर हो. हालांकि कम जगह या अन्य कारणों से घर वास्तु अनुसार नहीं बन पाते हैं, इस वजह से घर में वास्तु दोष होता है. अब आपका बाथरूम यदि घर में सही स्थान पर न हो, तो उसका सेहत पर बुरा असर पड़ता है. हालांकि इससे जुड़े वास्तु दोषों (Vastu Dosh) के निवारण के लिए भी उपाय (Tips) बताए गए हैं. आइए जानते हैं कि वास्तु अनुसार घर में बाथरूम के लिए कौन सी जगह सही है और वास्तु दोष है तो क्या उपाय हो सकता है.
घर में बाथरूम के लिए सही जगह
वास्तुशास्त्र के अनुसार, घर का उत्तर या उत्तर-पश्चिम दिशा बाथरूम के लिए सबसे सही जगह होता है. इसे घर के दक्षिण या दक्षिण पूर्व या दक्षिण पश्चिम में नहीं बनवाना चाहिए. इससे वास्तु दोष उत्पन्न होता है, जो आपकी सेहत को प्रभावित करता है. बाथरूम में टॉयलेट सीट को जमीन से दो फीट ऊंचा रखना चाहिए.
1. बाथरूम के अंदर शीशे को पूर्व या उत्तर दिशा में लगाना चाहिए. टॉयलेट के लिए पश्चिम या उत्तर—पश्चिम दिशा ठीक होता है. इलेक्ट्रिक बोर्ड को दक्षिण-पूर्व दिशा में लगाना चाहिए. इसका दरवाजा उत्तर या पूर्व में लगाना चाहिए.
2. यदि आपके बाथरूम का टॉयलेट दक्षिण दिशा में है, तो इससे यश और कीर्ति में हानि होती है. इससे बचने के लिए टॉयलेट सीट को दक्षिण और दक्षिण-पश्चिम दिशा के बीच में लगवा सकते हैं.
3. बाथरूम के वॉशबेसिन और शॉवर को पूर्व, उत्तर या उत्तर पूर्व में लगाना चाहिए. वॉशिंग मशीन को आप दक्षिण पूर्व या उत्तर पश्चिम दिशा में रखना चाहिए.
4. बाथटब को उत्तर, पूर्व, पश्चिम या उत्तर पूर्व दिशा में रखना चाहिए. ध्यान रहे कि बाथटब गोल या चौकोर हो. उसका रंग हल्का हो. गाढ़ा लाल या काला रंग से बचें.
5. बाथरूम का दरवाजा लकड़ी का हो तो अच्छा रहता है. दरवाजे को हमेशा बंद करके रखना चाहिए. वास्तु अनुसार दरवाजों को खुला रखने से निगेटिव एनर्जी घर में आती है, जो लोगों को सेहत को खराब कर सकती है.
6. बाथरूम के अंदर एक खिड़की होनी चाहिए, ताकि निगेटिव एनर्जी बाहर जा सके. खिड़की को पूर्व दिशा में लगाना चाहिए, नहीं तो इसे उत्तर या पश्चिम दिशा में भी लगा सकते हैं.
7. बाथरूम का रंग सफेद या क्रीम हो तो अच्छा है. इसमें हल्के रंग के टाइल्स का प्रयोग करें. इससे गंदगी दिखाई पड़ती है और सफाई भी होती है. गाढ़ा रंग निगेटिव एनर्जी को बढ़ाएगा.
8. ध्यान रहे कि नल से हमेशा पानी नहीं टपकता रहे. ऐसा हो तो उसे तुरंत ठीक करा दें, वरना धन हानि होता है.
9. वाथरूम के वास्तु दोषों को दूर करने के लिए तांबे के एक कटोरे में नमक भरकर रख दें और उसे हर सप्ताह बदलते रहें. ऐसा करने से निगेटिव एनर्जी दूर होती है.
Tagsवास्तुशास्त्र
Ritisha Jaiswal
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