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जानिए अयोध्या के राजा राम की पूरी वंशावली

Gulabi
15 Oct 2021 9:14 AM GMT
जानिए अयोध्या के राजा राम की पूरी वंशावली
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राजा राम की पूरी वंशावली

भारत की सात प्राचीन पुरियों में से एक अयोध्या भगवान राम के वंशजों की अनमोल धरोहर रही है. 'साकेत' के नाम से भी जाने जानी वाली अयोध्या भगवान श्री राम की पावन जन्मभूमि है. यह पवित्र नगरी लंबे समय तक सूर्यवंशी राजाओं की राजधानी रही है. अयोध्या का अर्थ है – जहां कभी युद्ध नहीं होता. पौराणिक मान्यता के अनुसार अयोध्या नगरी भगवान विष्णु के चक्र पर स्थित है, जिसे कभी भगवान विश्वकर्मा ने बनाया था. अयोध्या को भगवान विष्णु की नगरी भी कहा जाता है. आइए जानते हैं कि अयोध्या के राजा मर्यादा पुरुषोत्तम राम की वंशावली कहां से शुरु होती है.


भगवान राम की वंशावली
मान्यता है कि भगवान विष्णु के सातवें अवतार माने जाने वाले भगवान श्री राम के वंशावली नारायण यानि भगवान विष्णु से शुरु होती है. जिसमें सबसे पहले भगवान नारायण और उसके बाद उनसे उत्पन्न हुआ कमल और कमल से पैदा हुए ब्रह्मा जी से बढ़ते हुए क्रम में यह यह भगवान राम से लेकर लव-कुश आदि तक जाती है.

1 . आदिपुरुष नारायण
2. नारायण से कमल
3. कमल से ब्रह्मा जी की उत्पत्ति
4. ब्रह्मा के मरीचि
5. कश्यप
6. सूर्य (कुल से सूर्य देवता के जुड़ाव के कारण भगवान श्री राम को सूर्यवंशी भी कहा जाता है. )
7. वैवस्वत मनु
४. विश्वसह
9. साधुदेव
10. इक्ष्वाकु ( अयोध्या के प्रथम राजा )
11. वकुक्षि
12. पुरब्जय
13. अनरण्य
14. पृथुसर्वा
15. विश्वगन्धि
16. चन्द्रमा
17. युनाश्व
18. ब्रह्मस्व
19. सावरस
20. ब्रह्मदस्य
21. कुलवाश्व
22. द्रादास्यु
23. हरस्य
24. निकुम्भ
25. ब्रणास्यु
26. सैनाजित्
27. कुरुकुत्स
28. द्रवस्य
29. अरण्य
30. निबन्धन
31. सत्यव्रत
32. हरिश्चन्द्र
33. रोहित
34. हरित
35. चम्पदेव
36. सुदेव
37. विजय
38. मारुक
39. बाटुक
40. सगर
41. असमजस
42. अशुमान
43. दिलीप
44. भगीर
45. श्रुदेव
46. सिन्धुप
47. अयुतायु
48. ऋतुपर्ण
49. सर्वकाम
50. अशोक
51. नारीकवच
52. दशरथ ( प्रथम )
53. स्वर्णरेख
54. विश्वसह
55. खटवाग
56. दीर्घबाहु,
57. रघु (राजा रघु के अत्यंत तेजस्वी और पराक्रमी होने के कारण उनके बाद इस वंशवली को रघुकुल कहा जाने लगा. गोस्वामी तुलसी दास जी ने इसी रघुकुल की महिमा का गान करते हुए कहा है कि रघुकुल रीत सदा चली आई, प्राण जाए पर वचन न जाई.)
58. पृथु
59. अज
60. दशरथ राजा दशरथ के चार पुत्र हुए श्री राम, भरत, लक्ष्मण और शत्रुघ्न.
61. श्रीराम के दो पुत्र हुए लव और कुश.

(यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)


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