धर्म-अध्यात्म

जानें भगवान शंकर के जन्म और उनसे जुडी कई रहस्यमई बातें

Kajal Dubey
31 Jan 2022 1:52 AM GMT
जानें भगवान शंकर के जन्म और उनसे जुडी कई रहस्यमई बातें
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भगवान शिव को प्रमुख देवताओं में से एक माना जाता है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिन्दू धर्म में भगवान शिव (Lord Shiva) को प्रमुख देवताओं में से एक माना जाता है. सनातन धर्म में भगवान शिव को अनेकों नामों से जाना जाता है. जेसे भोलेनाथ (Bholenath), शंकर, आदिदेव, महेश, रूद्र, नीलकंठ, गंगाधर आदि. पुराणों के अनुसार भोलेनाथ स्वयंभू है फिर भी भगवान शंकर के जन्म से जुडी कई रहस्यमई (Mysterious) कहानियां काफी प्रचलित हैं. ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति पूरी श्रद्धा के साथ भगवान शंकर की उपासना करता है उसकी हर मनोकामना पूरी होती है, और शिव उस पर अपनी कृपा बनाए रखते हैं. भगवान शंकर के बारे में ऐसी कई बातें है जो सामान्यत: आम व्यक्तियों को पता नहीं है. आज हम आपको भगवान शंकर से जुड़े कुछ रहस्यों के बारे में बता रहे हैं. आइए जानते हैं.

1. शिव से हुई कई राक्षसों की उत्पत्ति
पुराणों के अनुसार जालंधर नामक राक्षस की उत्पत्ति भगवान शंकर के तेज से हुई थी. इसलिए उसे पुराणों में शिव का ही एक अंश माना जाता है. एक अन्य राक्षस भूमा की उत्पत्ति भोलेनाथ के माथे के पसीने की बूंद से हुई थी. इसके अलावा अय्यपा, भोलेनाथ और मोहिनी के संयोग से जन्मे थे.
2. क्यों नहीं मिलता वर्णन
कुछ पौराणिक कथाओं में वर्णन मिलता है कि अंधक और खुजा भगवान शंकर के पुत्र थे परन्तु धर्म शास्त्रों में इन दोनों का कहीं कोई उल्लेख नहीं है.
3. शिव के प्रथम शिष्य
सप्तऋषियों को भगवान शंकर के प्रारंभिक शिष्य माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि इन सप्तऋषियों के द्वारा ही पृथ्वी पर भगवान शिव के ज्ञान का प्रचार-प्रसार किया गया था.
4. क्या शिव और शंकर एक ही हैं?
कई लोग शिव और शंकर को एक ही सत्ता के दो नाम मानते हैं परन्तु तस्वीरों में दोनों की आकृति अलग-अलग है. कई जगह तस्वीरों में शंकर को शिवलिंग का ध्यान करते हुए चित्रित किया गया है.
5. शिव की पत्नियां

भगवान शिव की पत्नियों के बारे में शास्त्रों में उल्लेख मिलता है. पहली पत्नी प्रजापति दक्ष की पुत्री सती थीं, उन्हीं ने दूसरा जन्म हिमवान के यहां लिया और पार्वती के नाम से जानी गईं. कहा जाता है इनके अलावा गंगा, काली और उमा भी शिव की पत्नियां थीं.
6. शिव के कितने पुत्र
भगवान शिव और माता पार्वती का पुत्र कार्तिकेय था. गणेश दूसरे पुत्र जिसे माता पार्वती ने उबटन से निर्मित किया. एक अनाथ बालक जिसका नाम सुकेश था उसे भी भगवान शिव ने पाला. जलंधर शिव के तेज से उत्पन्न हुए. अय्यप्पा शिव और मोहिनी के संयोग से जन्में. भूमा उनके ललाट से टपके पसीने से जन्में. अंधक और खुजा का ज्यादा उल्लेख नहीं मिलता.
7. हर काल में दिया दर्शन
ऐसा माना जाता है कि शिव ही एकमात्र ऐसे देवता हैं जिन्होंने हर काल में अपने भक्तों को दर्शन दिया है. वे सतयुग में समुद्र मंथन के समय भी उपस्थित थे और त्रेता काल में राम के समय भी, वे द्वापर में महाभारत काल में भी थे और कलिकाल में विक्रमादित्य को भी शिव के दर्शन होने का उल्लेख मिलता है.


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