धर्म-अध्यात्म

जानिए लक्ष्‍मी जी को प्रसन्‍न करने का सबसे बड़ा मौका, इस दिन करें ये महाउपाय

Bhumika Sahu
13 Sep 2021 3:13 AM GMT
जानिए लक्ष्‍मी जी को प्रसन्‍न करने का सबसे बड़ा मौका, इस दिन करें ये महाउपाय
x
महालक्ष्मी व्रत का पालन करने से माता लक्ष्मी अत्यंत प्रसन्न होती हैं. इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करने से माता आपकी समस्त मनोकामनाएं पूर्ण करेंगी.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। धन की देवी महालक्ष्‍मी (Mahalaxmi) को प्रसन्‍न करने का एक बड़ा मौका भाद्रपद महीने में मिलता है. इस महीने के शुक्‍ल पक्ष की अष्‍टमी तिथि को महालक्ष्‍मी व्रत (Mahalaxmi Vrat 2021) होता है. इस दिन व्रत करने और विधि-विधान से पूजा करने से देवी लक्ष्मी (Goddess Laxmi) प्रसन्‍न होकर सुख-समृद्धि का वरदान देती हैं. कल (14 सितंबर 2021) को यह व्रत रखा जाएगा. हालांकि अष्‍टमी तिथि आज दोपहर 03:10 से ही प्रारंभ हो जाएगी और कल 14 सितंबर को 01:09 बजे तक रहेगी.

बहुत अहम है महालक्ष्मी व्रत
महालक्ष्‍मी व्रत को धर्म-पुराणों में बहुत अहम बताया गया है. एक पौराणिक कथा के मुताबिक जब पांडव जुए में कौरवों के आगे अपना सब कुछ हार गए तो पांडवों में सबसे बड़े भाई युधिष्ठिर ने भगवान कृष्ण (Lord Krishna) से मार्गदर्शन मांगा और धन प्राप्त करने के तरीके पूछा. उस समय भगवान कृष्ण ने युधिष्ठिर को महालक्ष्मी व्रत करने के लिए कहा. यह व्रत 16 दिन का होता है. इसमें पहले दिन व्रत रखने के बाद बाकी दिन केवल पूजा भी कर सकते हैं. धन और समृद्धि पाने के लिए देवी महालक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए ये व्रत बहुत अहम है.
ऐसे करें महालक्ष्मी व्रत-पूजा
यह व्रत करने के लिए सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें और साफ कपड़े पहन लें. फिर पूजा स्थल को साफ करके भगवान के सामने हाथ जोड़ें और व्रत का संकल्‍प लें. पूजा के लिए चौकी पर देवी महालक्ष्मी की मूर्ति स्थापित करें. उसके पास श्रीयंत्र और जल भरकर कलश रखें. देवी को दीप-धूप दिखाएं. हो सके तो दीया घी का ही जलाएं. देवी को फूल और फल अर्पित करें. महालक्ष्‍मी व्रत की कथा पढ़ें. आखिर में आरती करें. शाम को पूजा करके व्रत खोल सकते हैं.
इस दिन महालक्ष्‍मी को प्रसन्‍न करने के लिए कुछ मंत्रों का जाप करना बहुत ही लाभदायक है. इसके लिए लक्ष्मी बीज मंत्र 'ऊं ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभ्यो नमः', महालक्ष्मी मंत्र 'ओम श्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ओम श्रीं श्रीं महालक्ष्मीये नमः' या लक्ष्मी गायत्री मंत्र 'ऊं श्री महालक्ष्मीये च विद्महे विष्णु पटनाय च धिमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयत् ऊं' का जाप कर सकते हैं.


Next Story