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आज लोग कुर्सी-टेबल पर बैठकर खाते हैं, लेकिन जमीन पर बैठकर खाना खाने की परंपरा सदियों पुरानी
हिंदू धर्म में कई ऐसी मान्यताएं हैं जो सदियों और युगों से युगों से चलती आ रही है। हमारे पूर्वज और घर के बड़े-बुजुर्ग इसका कई सालों से पालन करते आ रहें है। हिंदू धर्म में माथे पर तिलक लगाना, पूजा के दौरान शंख बजाना, हाथ जोड़कर प्रणाम करना और बड़े-बुजुर्गों के चरण स्पर्श करना ये सब कई ऐसी परंपराएं हैं जिसे हमारी संस्कृति का प्रतीक माना जाता है। जितना इन सभी परंपराओं का धार्मिक महत्तव है उताना ही वैज्ञानिक भी है। आइए जानते हैं हिंदू धर्म के परंपराओं और मान्यताओं से जुडे फायदों के बारे में-
चरण स्पर्श करना या पैर छूना
मान्यता है कि इससे मस्तिष्क से निकलने वाली ऊर्जा हाथों से सामने वाले के पैरों तक पहुंचती है और बुजुर्गों के पैरों से होते हुए उनके हाथों तक पहुंचती है, इसलिए जब वे आशीर्वाद देते हैं तो वह ऊर्जा पुन: हमारे मस्तिष्क तक पहुंचती है। इससे ऊर्जा का चक्र पूर्ण होता है।
जमीन पर बैठकर खाना
आज लोग कुर्सी-टेबल पर बैठकर खाते हैं, लेकिन जमीन पर बैठकर खाना खाने की परंपरा सदियों पुरानी है। कई घरों में आज भी इसका पालन किया जाता है। जमीन पर आलथी-पालथी मार बैठकर खाना खाने से भोजन पचाने में दिक्कत नहीं होती और इससे पाचन तंत्र ठीक रहता है।
शंख बजाना
हिंदू धर्म में पूजा-पाठ में शंख बजाने की परंपरा है। इससे देवी-देवता प्रसन्न होते हैं। लेकिन इसी के साथ इसके वैज्ञानिक महत्व ये है कि शंख बजाने से कई बीमारियां दूर होती हैं। इससे फेफड़ों को शक्ति मिलती है और फेफड़ों तक पहुंचने वाला संक्रमण पहले ही खत्म हो जाता है।
तिलक लगाना
तिलक लगाना भारतीय परंपरा का हिस्सा है। दोनों आखों के बीच माथे पर तिलक लगाया जाता है। माना जाता है कि दोनों आंखों के बीच आज्ञा चक्र होती है, इसलिए इस स्थान पर तिलक लगाने से एकाग्रता बढ़ती है।
{जनता से रिश्ता इस खबर की पुष्टि नहीं करता है ये खबर जनसरोकार के माध्यम से मिली है और ये खबर सोशल मीडिया में वायरलहो रही थी जिसके चलते इस खबर को प्रकाशित की जा रही है। इस पर जनता से रिश्ता खबर की सच्चाई को लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं करता है।}

Apurva Srivastav
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