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- जानिए तांडव स्तोत्र...
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। तांडव भगवान शिव द्वारा किया गया था. हिंदू धर्म में तांडव का विशेष महत्व बताया गया है. तांडव भगवान शिव के क्रोध से जुड़ा हुआ है, लेकिन शास्त्रों की मानें तो क्रोध और लीला दोनों ही स्थितियों में भगवान शिव तांडव करते हैं. शास्त्रों के अनुसार भगवान शिव तांडव करते हुए जब तीसरा नेत्र खोलते हैं तो गुस्से से प्रलय आ जाता है, वहीं दूसरी तरफ जब भगवान शिव डमरू बजाते हुए तांडव करते हैं तो वह परम आनंद में होते हैं. जब शिव रौद्र तांडव करते हैं तो वे रुद्रत्व कहलाते हैं। वहीं महादेव जब आनंद तांडव में मग्न होकर नाचते हैं तो वे नटराज कहलाते हैं. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार रावण ने अपने आराध्य शिव की स्तुति में 'शिव तांडव स्तोत्र' की रचना की थी. आइए जानते हैं पंडित इंद्रमणि घनस्याल से शिव तांडव स्तोत्र के पाठ का महत्व व कैसे करें यह पाठ.