धर्म-अध्यात्म

जानिए जुलाई 2022 के दूसरे सप्ताह का शुभ मुहूर्त

Tara Tandi
10 July 2022 5:55 AM GMT
जानिए जुलाई 2022 के दूसरे सप्ताह का शुभ मुहूर्त
x
जुलाई 2022 का दूसरा सप्ताह आज से प्रारंभ हो गया है. सप्ताह का पहला दिन चातुर्मास (Chaturmas) से शुरु हुआ है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। जुलाई 2022 का दूसरा सप्ताह आज से प्रारंभ हो गया है. सप्ताह का पहला दिन चातुर्मास (Chaturmas) से शुरु हुआ है. 10 जुलाई से 16 जुलाई के इस सप्ताह में पहले की तर​ह विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश, उपनयन संस्कार आदि जैसे मांगलिक कार्यों के लिए शुभ मुहूर्त नहीं हैं. इस सप्ताह प्रॉप्रर्टी की खरीदारी के लिए ही शुभ मुहूर्त है. इस सप्ताह के दो दिन आप मकान, वाहन, दुकान, प्लॉट, फ्लैट आदि खरीद सकते हैं. आज से अगले चार माह तक मांगलिक कार्यों के लिए शुभ मुहूर्त प्राप्त नहीं होंगे यानी चार माह तक इन पर रोक रहेगी. ऐसा क्यों हैं? इस बारे में बता रहे हैं पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र, साथ ही जानते हैं खरीदारी के शुभ मुहूर्त भी.

जुलाई 2022 दूसरे सप्ताह के शुभ मुहूर्त
जुलाई 2022 खरीदारी मुहूर्त
जुलाई के दूसरे सप्ताह में वाहन, मकान या अन्य प्रॉपर्टी की खरीदारी के लिए 13 और 17 जुलाई का दिन शुभ है. इस दिन आप चाहें तो प्रॉपर्टी की खरीदारी कर सकते हैं या उसके लिए बयाना दे सकते हैं. इस माह के अगले सप्ताहों में भी इसके लिए मुहूर्त हैं.
जुलाई 2022 विवाह मुहूर्त
इस हफ्ते कोई मुहूर्त नहीं है.
जुलाई 2022 मुंडन मुहूर्त
यदि आप बच्चे का मुंडन संस्कार कराना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको लंबा इंतजार करना होगा. इस सप्ताह मुंडन का कोई मुहूर्त नहीं है.
जुलाई 2022 जनेऊ मुहूर्त
आज से अगले 4 माह तक कोई शुभ मुहूर्त नहीं है.
जुलाई 2022 नामकरण मुहूर्त
जुलाई के दूसरे हफ्ते में नामकरण संस्कार का मुहूर्त नहीं है.
जुलाई 2022 गृह प्रवेश मुहूर्त
गृह प्रवेश के लिए भी कोई शुभ मुहूर्त नहीं है.
आज से 4 माह मांगलिक कार्यों पर क्यों है रोक?
आज 10 जुलाई से चातुर्मास का प्रारंभ हुआ है. यह देवशयनी एकादशी के दिन से शुरु होता है. इस दिन से जगत के पालनहार भगवान विष्णु चार माह के लिए योग निद्रा में रहते हैं. उनकी अनुपस्थिति में भगवान शिव इस सृष्टि के पालनहार और संहारक होते हैं. चातुर्मास में भगवान विष्णु के योग निद्रा में होने के कारण सभी मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है. देवउठनी एकादशी को वे योग निद्रा से बाहर आते हैं, तब फिर से मांगलिक कार्य शुरु हो जाते हैं. देवउठनी एकादशी के बाद से विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश आदि के लिए शुभ मुहूर्त प्राप्त होने लगेंगे.
Next Story