- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- धर्म-अध्यात्म
- /
- जानिए प्रदोष व्रत पूजा...
धर्म-अध्यात्म
जानिए प्रदोष व्रत पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और व्रत महत्व
Ritisha Jaiswal
21 Jan 2022 3:58 PM GMT
x
Pradosh Vrat 2022: हर महीने की कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को प्रदोष व्रत मनाया जाता है
Pradosh Vrat 2022: हर महीने की कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को प्रदोष व्रत मनाया जाता है। इस प्रकार माघ माह में कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी का प्रदोष व्रत 30 जनवरी को है। इस दिन भगवान भोलेनाथ और माता-पार्वती की पूजा-अर्चना की जाती है। सप्ताह के सातों दिनों को पड़ने वाले प्रदोष व्रत को नाम से पुकारा जाता है। माघ माह का पहला प्रदोष व्रत रविवार को पड़ रहा है। अत: यह रवि प्रदोष व्रत कहलाएगा। शास्त्रों और पुराणों में निहित है कि रवि वार का प्रदोष व्रत करने से आरोग्य जीवन व्यतीत करता है। साथ ही व्रती दीर्घायु एवं प्रसन्न चित्त रहता है। अतः व्यक्ति विशेष को भगवान शिव और माता पार्वती की श्रद्धा पूर्वक भक्ति कर प्रदोष व्रत करना चाहिए। आइए, प्रदोष व्रत पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और व्रत महत्व जानते हैं-
प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त
हिंदी पंचांग के अनुसार, माघ माह में कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 29 जनवरी को रात्रि में 8 बजकर 37 मिनट पर शुरु होकर 30 जनवरी को दोपहर में 5 बजकर 28 मिनट पर समाप्त होगी। रवि प्रदोष व्रत के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त संध्याकाल में 5 बजकर 59 मिनट से शुरू होकर रात्रि में 8 बजकर 37 मिनट तक है। व्रती संध्याकाल में भगवान शिव जी एवं माता पार्वती की पूजा-उपासना कर सकते हैं।
प्रदोष व्रत पूजा विधि
इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर शिवजी को स्मरण और प्रणाम कर दिन की शुरुआत करें। नित्य कर्मों से निवृत होकर गंगाजल युक्त पानी से स्नान-ध्यान करें। इसके पश्चचात, अंजिल में गंगाजल रख आमचन कर अपने आप को शुद्ध और पवित्र करें। फिर श्वेत और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके बाद सबसे पहले भगवान सूर्य को जल का अर्घ्य दें। फिर भगवान शिव जी एवं माता पार्वती की पूजा फल, फूल, धूप, दीप, अक्षत, भांग, धतूरा, दूध,दही और पंचामृत से करें। पूजा करते समय शिव चालीसा का पाठ, मंत्रों का जाप अवश्य करें। अंत में आरती अर्चना कर भगवान शिव और माता पार्वती से अन्न, जल और धन की कामना करें। दिनभर उपवास रखें। शाम में आरती अर्चना करें। फिर फलाहार करें। अगले दिन पूजा-पाठ संपन्न कर व्रत खोलें
Next Story