धर्म-अध्यात्म

जानिए निर्जला एकादशी पारण का शुभ मुहूर्त

Ritisha Jaiswal
10 Jun 2022 2:12 PM GMT
जानिए निर्जला एकादशी पारण का शुभ मुहूर्त
x
सालभर में पड़ने वाली 24 एकादशियों में से निर्जला एकादशी सर्वश्रेष्ठ मानी जाती है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने के साथ के साथ कई जातक व्रत भी रखते हैं।

सालभर में पड़ने वाली 24 एकादशियों में से निर्जला एकादशी सर्वश्रेष्ठ मानी जाती है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने के साथ के साथ कई जातक व्रत भी रखते हैं। यह व्रत काफी कठिन माना जाता है क्योंकि निर्जला एकादशी के दिन पारण करने के बाद ही जल ग्रहण किया जाता है। इस बार एकादशी तिथि को लेकर काफी लोगों के बीच कंफ्यूजन है। एकादशी तिथि आज से शुरू होकर कल सुबह तक है। ऐसे में कई लोग 10 जून को व्रत रख रहे हैं, तो की लोग 11 जून को रखेंगे। लेकिन पंडितों के अनुसार, निर्जला एकादशी का पारण 11 जून को किया जाएगा। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि हरि वासर के समय पारण न करें। जानिए पारण का शुभ मुहूर्त और करने का तरीका।

निर्जला एकादशी पारण का शुभ मुहूर्त
निर्जला एकादशी तिथि- 10 और 11 जून 2022, शुक्रवार
एकादशी तिथि प्रारंभ- 10 जून सुबह 7 बजकर 25 मिनट से शुरू
एकादशी तिथि समाप्त- 11 जून सुबह 5 बजकर 45 मिनट में समाप्त
निर्जला एकादशी पारण का समय- 11 जून सुबह 5 बजकर 49 मिनट' से 8 बजकर 29 मिनट तक
निर्जला एकादशी पारण विधि
निर्जला एकादशी का पारण द्वादशी तिथि को किया जाता है। इसलिए पारण शुभ मुहूर्त में करना चाहिए। व्रत पारण करने के लिए प्रात: काल उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर पानी में थोड़ा सा गंगाजल डालकर स्नान आदि कर लें।
तांबे के लोटे में जल लेकर भगवान सूर्य को अर्घ्य करें। इसके साथ ही 'ऊं सूर्याय नम:' मंत्र को बोले।
भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करें।
पूजा करने के बाद अपनी योग्यता के अनुसार वस्त्र, अनाज आदि का दान करें।
इसके बाद पानी पीकर अपने व्रत को खोलें।
फिर फल आदि खा लें। इसके बाद का ध्यान रखें कि नमक, चावल से संबंधित चीजों से व्रत नहीं खोलना चाहिए।
व्रत के बाद कुछ हल्का खाना खा लें।
हरि वासर के दौरान न करें पारण
द्वादशी तिथि के पहली एक चौथी अवधि को हरि वासर कहा जाता है। इस दौरान एकादशी का पारण करना अशुभ माना जाता है।


Ritisha Jaiswal

Ritisha Jaiswal

    Next Story