धर्म-अध्यात्म

जानिए हरियाली तीज के मुहूर्त, शिव-पार्वती पूजा और हरे रंग का महत्व

Tara Tandi
27 July 2022 5:40 AM GMT
जानिए हरियाली तीज के मुहूर्त, शिव-पार्वती पूजा और हरे रंग का महत्व
x
सावन माह (Sawan Month) के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज (Hariyali Teej) या श्रावणी तीज मनाई जाती है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सावन माह (Sawan Month) के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज (Hariyali Teej) या श्रावणी तीज मनाई जाती है. इस साल हरियाली तीज 31 जुलाई दिन रविवार को रवि योग में मनाई जाएगी. इस दिन रवि योग बनने से आपको शुभ फल की प्राप्ति होगी और मनोकामनाएं भी पूर्ण होंगी. हरियाली तीज के दिन भगवान शिव, माता पार्वती और गणेश जी की पूजा करते हैं. इस दिन सुहागन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु, अखंड सौभाग्य, सुख दांपत्य जीवन और उत्तम संतान प्राप्ति के लिए निर्जला व्रत रखती हैं. कन्याएं अपने मनचाहे वर की प्राप्ति की कामना से भी हरियाली तीज का व्रत रखती हैं. इस व्रत में हरे रंग का महत्व होता है. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं हरियाली तीज के मुहूर्त, शिव-पार्वती पूजा और हरे रंग का महत्व.

हरियाली तीज 2022 मुहूर्त
सावन शुक्ल तृतीया तिथि का प्रारंभ: 31 जुलाई, रविवार, तड़के 02 बजकर 59 मिनट से
सावन शुक्ल तृतीया तिथि का समापन: 01 अगस्त, सोमवार, प्रात: 04 बजकर 18 मिनट पर
रवि योग का प्रारंभ: 31 जुलाई को दोपहर 02 बजकर 20 मिनट से
रवि योग का समापन: 01 अगस्त को प्रात: 05 बजकर 42 मिनट पर
रवि योग में हरियाली तीज का महत्व
रवि योग अमंगल को दूर करके शुभ फल प्रदान करता है. इस योग में आप हरियाली तीज व्रत और पूजा करती हैं, तो आपकी मनोकामना पूर्ण होगी और उत्तम फल की प्राप्ति होगी.
हरियाली तीज में हरे रंग का महत्व
सावन माह में वर्षा ऋतु होने के कारण पृथ्वी पर चारों ओर हरियाली रहती है. पृथ्वी पर हर ओर हरे-भरे पेड़ पौधे दिखाई देते हैं. माता पार्वती को प्रकृति का स्वरूप माना जाता है और हरा रंग सुहाग एवं सौभाग्य का प्रतीक होता है. हरा रंग भगवान शिव को भी प्रिय है. इस वजह से हरियाली तीज के दिन महिलाएं हरे रंग की साड़ी, चूड़ी और अन्य श्रृंगार सामग्री का उपयोग करती हैं.
हरियाली तीज पर शिव-पार्वती पूजा का महत्व
हरियाली तीज के अवसर पर महिलाएं भगवान गणेश जी के साथ शिव जी और माता पार्वती​ की भी पूजा करती हैं. माता पार्वती और भगवान शिव की जोड़ी अटूट है. वे कई जन्मों से साथ हैं. शिव और शक्ति एक दूसरे के बिना अधूरे हैं.
इस वजह से सुहागन महिलाएं हरियाली तीज पर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं, ताकि उनको भी अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद मिले और उनकी भी जोड़ी शिव-पार्वती के समान अटूट रहे.
विवाह योग्य कन्याएं हरियाली तीज का व्रत अपने मनचाहे वर की प्राप्ति के लिए रखती हैं क्योंकि सावन माह में माता पार्वती को उनके मनचाहे वर भगवान शिव पति स्वरूप में प्राप्त हुए थे.
Next Story