धर्म-अध्यात्म

पौष पुत्रदा एकादशी साल के पहले माह जानें शुभ मुहुर्त

Teja
4 Jan 2022 8:17 AM GMT
पौष पुत्रदा एकादशी साल के पहले माह जानें शुभ मुहुर्त
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पुत्रदा एकादशी व्रत का एक विशेष महत्व है. मान्यता है कि इस व्रत को विधि पूर्वक करने से योग्य संतान की कामना पूर्ण होती है. ये व्रत संतान की संकटों से रक्षा करने वाला माना गया है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | पौष पुत्रदा एकादशी अनन्त फल देने वाली होती है, भक्त पूरी श्रद्धा के साथ इस व्रत को करते हैं. पौष पुत्रदा एकादशी को सभी व्रतों में प्रमुख माना जाता है. यह एकादशी भगवान विष्णु को पूरी तरह से समर्पित होती है. आपको बता दें कि पूरे साल में पड़ने वाली हर एक एकादशी अलग-अलग नाम से जानी जाती हैं. ऐसे में पुत्रदा एकादशी भी साल में दो बार पड़ती है.

ये एकादशी एक पौष में और दूसरा श्रावण मास में पड़ती है, जिसमें विशेष रूप से पूजा की जाती है. अभी पौष माह चल रहा है तो ऐसे में इस महीने की एकादशी, पौष पुत्रदा एकादशी के नाम से मनाई जाती है. इस साल यानी कि 2022 की पहली पौष पुत्रदा एकादशी 13 जनवरी को पड़ने वाली है. तो आइए जानते हैं- पौष पुत्रदा एकादशी की शुभ मुहूर्त, पूजा-विधि और पारण की तिथि के बारे में.
कैसे रखें पौष पुत्रदा एकादशी व्रत
पौष पुत्रदा एकादशी व्रत करने वाले सभी भक्तों को दशमी तिथि के दिन सूर्यास्त के पहले भोजन कर लेना चाहिए. जो भी भोजन करें वो तामसी ना हो, यानी कि लहसुन-प्याज आदि का इस्तेमाल भोजन में नहीं करना चाहिए.इसके बाद एकादशी के दिन सुबह सवेरे उठकर स्नान आदि से निवृत होकर व्रत का संकल्प लें. इसके बाद भगवान को धूप-दीप, फूल, अक्षत, चंदन और नैवेद्य आदि चढ़ाएं. पूजा के बाद पुत्रदा एकादशी व्रत कथा पढ़ें.
अगर आप व्रत हैं तो इस विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ भी जरूर करें. इसके बाद संतान-कामनी की पूर्ति के लिए संतान गोपाल मंत्र का जाप करना शुभ होता है. इसके साथ ही भगवान कृष्ण के बाल स्वरुप की पूजा भी संतान की सुख-समृद्धि के लिए शुभ है. इस दिन गरीबों को दान आदि भी अपने क्षमता के अनुसार दें.
पौष पुत्रदा एकादशी व्रत पूजा के लिए शुभ मुहूर्त
पौष पुत्रदा एकादशी व्रत- 13 जनवरी 2022, गुरुवार
एकादशी तिथि प्रारम्भ – 12 जनवरी 2022 को 04:49 पी एम बजे से.
एकादशी तिथि समाप्त – 13 जनवरी 2022 को 07:32 पी एम बजे तक.
पुत्रदा एकादशी व्रत के पारण का समय – 14 जनवरी 2022, शुक्रवार, प्रात: 07 बजकर 15 मिनट से 09 बजकर 21 मिनट तक.
पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय – 14 जनवरी, रात्रि 10 बजकर 19 तक.
व्रत पूजा सामग्री लिस्ट
इस व्रत में संतान की कामना के लिए भगवान विष्णु की विधि विधान से पूजा के लिए निम्नलिखित पूजन सामग्री की जरूरत होती है. तो आइए जानते हैं कि पूजा में किन वस्तुओं की आवश्यकता होती है-
-श्री विष्णु जी का चित्र अथवा मूर्ति
-पुष्प, फल, फल, मिष्ठान
-अक्षत, तुलसी दल
-नारियल, सुपारी, लौंग, चंदन
-धूप, दीप, घी, पंचामृत


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