धर्म-अध्यात्म

पंचांग के आधार पर जानिए राखी बांधने का शुभ समय और योग

Tara Tandi
11 Aug 2022 6:57 AM GMT
पंचांग के आधार पर जानिए राखी बांधने का शुभ समय और योग
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इस साल रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) का त्योहार दो दिन 11 अगस्त और 12 अगस्त को है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। इस साल रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) का त्योहार दो दिन 11 अगस्त और 12 अगस्त को है. आज देशभर के अधिकतर हिस्सों में रक्षाबंधन मनाया जा रहा है. आज शुभ मुहूर्त में बहनें भाइयों को राखी बांधेंगी. हालांकि देश के कुछ हिस्सों में कल 12 अगस्त शुक्रवार को राखी बांधी जाएगी. इस साल भद्रा के कारण रक्षाबंधन का त्योहार दो दिन का हो गया है. जो लोग कल 12 अगस्त को रक्षाबंधन मनाएंगे, वे लोग दृक पंचांग के आधार पर राखी बांधने का शुभ समय (Rakhi Muhurat) और योग के बारे में जान लें.

रक्षाबंधन तिथि 2022
श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ: आज सुबह 10:38 बजे से
श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि का समापन: कल सुबह 07:05 बजे तक
12 अगस्त का शुभ समय और योग
सौभाग्य योग: प्रात: काल से लेकर दिन में 11 बजकर 34 मिनट तक
शोभन योग: सुबह 11 बजकर 34 मिनट से अगले दिन सुबह 07 बजकर 50 मिनट तक
अभिजित मुहूर्त या शुभ समय: दिन में 11 बजकर 59 मिनट से दोपहर 12 बजकर 52 मिनट तक
अमृत काल: शाम 04 बजकर 17 मिनट से शाम 05 बजकर 43 मिनट तक
विजय मुहूर्त: दोपहर 02 बजकर 38 मिनट से दोपहर 03 बजकर 31 मिनट तक
12 अगस्त के अशुभ समय
राहुकाल: सुबह 10 बजकर 47 मिनट से दोपहर 12 बजकर 26 मिनट तक
पंचक: दोपहर 02 बजकर 49 मिनट से अगले सुबह 05 बजकर 49 मिनट तक
दुर्मुहूर्त: सुबह 08 बजकर 27 मिनट से सुबह 09 बजकर 20 मिनट तक, दोपहर 12 बजकर 52 मिनट से दोपहर 01 बजकर 45 मिनट तक
12 अगस्त को राखी बांधने का शुभ मुहूर्त
प्रात:काल से लेकर सुबह 08 बजकर 27 मिनट तक. यह सुबह में राखी बांधने का मुहूर्त है.
दिन में आप जब भी राखी बांधें तो अशुभ मुहूर्त को वर्जित रखें.
राखी बांधने का मंत्र
येन बद्धो बलिराजा दानवेन्द्रो महाबलः।
तेन त्वामभिवध्नामि रक्षे माचल माचलः।।
राखी बांधने की विधि
प्रात: स्नान के बाद सबसे पहले भगवान श्रीकृष्ण या अपने इष्ट देव को रक्षा सूत्र या राखी बांधें. उसके पश्चात भाई को राखी बांधें. भाई को पूर्व मुख कराकर आसन पर बैठाएं. सिर को किसी कपड़े से ढंक दें. फिर चंदन, रोली, दही और अक्षत् से तिलक करें.
उसके बाद दाईं कलाई में राखी बांधें और मिठाई खिलाएं. फिर घी का दीपक जलाकर आरती करें. भाई के सुखी जीवन की कामना करें. भाई बहन को उपहार दें और सुख-दुख में हमेशा साथ देने का वचन दें.
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