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धर्म-अध्यात्म
जानिए सावन के आखिरी सोमवार का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
Tara Tandi
6 Aug 2022 10:06 AM GMT
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भगवान शिव को समर्पित सावन का माह चल रहा है। इस खास मौके पर शिवभक्त भोलेनाथ को प्रसन्न करने के विभिन्न उपाय अपना रहे हैं
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। भगवान शिव को समर्पित सावन का माह चल रहा है। इस खास मौके पर शिवभक्त भोलेनाथ को प्रसन्न करने के विभिन्न उपाय अपना रहे हैं। वहीं सावन में पड़ने वाले हर एक सोमवार का अपना एक महत्व है। सावन माह 14 जुलाई को शुरू हुआ था जो 12 अगस्त को पूर्णिमा के साथ समाप्त हो जाएगा। वहीं सावन का चौथा यानी आखिरी सोमवार 8 अगस्त को पड़ रहा है। माना जाता है कि सावन सोमवार के दिन भोलेनाथ की आराधना करने के साथ व्रत रखने से सभी कष्टों से छुटकारा मिल जाता है और सुख-शांति, धन-धान्य की बढ़ोत्तरी होती है। इस बार सावन का आखिरी सोमवार के साथ पुत्रदा एकादशी भी पड़ रही है। ऐसे में इस दिन का महत्व और अधिक बढ़ गया है। जानिए सावन के आखिरी सोमवार का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।
सावन का आखिरी सोमवार का शुभ मुहूर्त
रवि योग- 8 अगस्त को सुबह 5 बजकर 46 मिनट पर शुरू होकर दोपहर 2 बजकर 37 मिनट तक रहेगा।
इन्द्र योग - 7 अगस्त सुबह 10 बजकर 2 मिनट से 8 अगस्त सुबह 06 बजकर 55 मिनट तक
वैधृति -8 अगस्त सुबह 06 बजकर 55 मिनट तक से 9 अगस्त सुबह 03 बजकर 24 मिनट तक
सावन सोमवार पर ऐसे करें पूजा
सावन सोमवार को सुबह स्नान करके एक तांबे के लोटे में अक्षत, दूध, पुष्प, बेल पत्र आदि डालें। इसके बाद शिव मंदिर जाएं और वहां शिवलिंग का अभिषेक करें। इस दौरान 'ऊं नम: शिवाय' मंत्र का जाप करें। इसके साथ ही धूप-दीप जलाने के बाद शिव चालीसा और रुद्राष्टक का पाठ करें। ऐसा करने से शिवजी जल्द प्रसन्न हो जाते हैं।
सावन सोमवार के दिन करें इन शिव मंत्रों का जाप
महामृत्युंजय मंत्र
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
शिव तारक मंत्र
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे।
शिवजी का शक्तिशाली मंत्र
नमो स्तवन अनंताय सहस्त्र मूर्तये, सहस्त्रपादाक्षि शिरोरु बाहवे. सहस्त्र नाम्ने पुरुषाय शाश्वते, सहस्त्रकोटि युग धारिणे नम:
Tara Tandi
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