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धर्म-अध्यात्म
जानिए भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी व्रत का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
Gulabi Jagat
10 March 2023 11:41 AM GMT
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Bhalchandra Sankashti Chaturthi 2023: हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी का व्रत रखने का विधान है। इसे भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी के नाम से भी जानते हैं। इस गणेश चतुर्थी पर काफी शुभ योग बन रहे हैं। पंचांग के अनुसार, भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी पर चित्रा, स्वाति नक्षत्र के साथ-साथ धुव्र और सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। जानिए भालचंद्र संकष्टी गणेश चतुर्थी का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और चंद्रोदय का समय।
बता दें कि पंचांग के अनुसार साल में दो बार चतुर्थी तिथि पड़ती है पहली कृष्ण पक्ष और दूसरी शुक्ल पक्ष में। चैत्र मास के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली गणेश चतुर्थी का विशेष महत्व है। इस दिन विधि विधान से गणेश जी पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
भालचंद्र गणेश चतुर्थी 2023 शुभ मुहूर्त
कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि समाप्त- 11 मार्च को रात 10 बजकर 5 मिनट तक
तिथि- उदया तिथि के कारण संकष्टी चतुर्थी का व्रत 11 मार्च 2023 को रखा जा रहा है।
चित्रा नक्षत्र- सूर्योदय से 7 बजकर 11 मिनट तक
स्वाति नक्षत्र- सुबह 7 बजकर 11 मिनट से 12 मार्च को सुबह 8 बजे तक
धुव्र योग- सूर्योदय से शाम 7 बजकर 51 मिनट तक
चंद्रोदय का समय- रात 9 बजकर 47 मिनट पर
सर्वार्थ सिद्धि योग - सुबह 7 बजकर 11 मिनट से 12 मार्च को 6 बजकर 25 मिनट तक
भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी 2023 पूजा विधि
गणेश चतुर्थी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान आदि कर लें। इसके बाद भगवान गणेश का स्मरण करते हुए व्रत का संकल्प ले लें। फिर गणपति जी की विधि-विधान से पूजा करें। सबसे पहले जल से आचमन करें। इसके बाद फूल, माला, रोली, अक्षत, दूर्वा आदि अर्पित करें। इसके बाद जनेऊ चढ़ाएं और एक पान में 1 सुपारी, 2 लौंग, इलायची और बताशा करके चढ़ा दें। इसके बाद मोदक या कुछ मीठे का भोग लगा दें। इसके बाद फिर जल अर्पित करें। अब घी का दीपक जलाने के बाद गणेश चालीसा, मंत्र आदि का पाठ करें। अंत में आरती करके भूल चूक के लिए माफी मांग लें।
डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।
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