धर्म-अध्यात्म

जानें आषाढ़ अमावस्या का शुभ मुहूर्त और उपाय

Tara Tandi
19 Jun 2022 6:48 AM GMT
जानें आषाढ़ अमावस्या का शुभ मुहूर्त और उपाय
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हिंदू धर्म में हर व्रत और त्योहार का विशेष महत्व है और इनसे जुड़े नियमों को अपनाकर लोग देवी-देवताओं को प्रसन्न करते हैं

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिंदू धर्म में हर व्रत और त्योहार का विशेष महत्व है और इनसे जुड़े नियमों को अपनाकर लोग देवी-देवताओं को प्रसन्न करते हैं. हिंदू कैलेंडर के मुताबिक हर महीने में पूर्णिमा की तरह अमावस्या आती है. अमावस्या का संबंध पितरों से माना जाता है और इस दिन लोग उनकी सेवा करके उन्हें प्रसन्न करने की कोशिश करते हैं. इस समय आषाढ़ माह ( Ashadha Month 2022 ) शुरू हो गया है और इसमें पड़ने वाली अमावस्या का संबंध पितरों से ही नहीं किसानों से भी होता है. किसानों के लिए बेहद महत्वपूर्ण माने जाने वाले इस खास दिन को हलहारिणी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है.

इस बार की आषाढ़ ( Ashadha Amavasya ) या हलहारिणी अमावस्या 28 जून को पड़ रही है. इस लेख में हम आपको बताएंगे कि इस दिन का शुभ मुहूर्त क्या है, क्या उपाय किए जा सकते हैं और इसका किसानों से क्या संबंध है.
किसानों से लिए पूजनीय है आषाढ़ अमावस्या
शास्त्रों में बताया गया है कि एक किसान इस दिन अपने खेत या फसल की पूजा करके सच्ची निष्ठा से उसकी उपासना करता है. उसका उद्देश्य रहता है कि फसल की देवी प्रसन्न रहे और उस पर उनका आशीर्वाद बना रहे. मान्यता है कि कई किसान इस दिन अपने बैलों से काम नहीं करवाते हैं और उन्हें घास या अन्य चीजें चरने के लिए खुला छोड़ देते हैं. हलहारिणी अमावस्या के दिन किसान अपने उपकरणों की पूजा भी करते हैं. उन्हें उम्मीद होती है कि ऐसा करने से उनकी फसल अच्छी होगी. वर्षा ऋततु से संबंध होने के चलते इस अमावस्या का महत्व किसानों के लिए और ज्यादा हो जाता है.
हलहारिणी अमावस्या का शुभ मुहूर्त
अमावस्या की तिथि 28 जून, मंगलवार है और इसका समय सुबह 5.33 बजे शुरू होगा और ये 29 जून, बुधवार को सुबह 8.23 बजे तक जारी रहेगा.
इस दिन आप भी करें ये उपाय
1. किसान का अहम उद्देश्य फसल को उगाना होता है और आप भी इससे मिला-जुला काम कर सकते हैं. आप इस दिन पेड़-पौधों को उगाकर पुण्य प्राप्त कर सकते हैं. हलहारिणी अमावस्या पर पेड़ या पौधों को लगाना बहुत शुभ माना जाता है. हो सके तो इस दिन घर के आंगन में अशोक का पेड़ जरूर लगाएं.
2. पितरों को प्रसन्न करने के लिए आप इस दिन उन्हें भोज कराने के अलावा दान भी कर सकते हैं. दान करना बहुत अच्छा माना जाता है, क्योंकि इससे पितृ ही नहीं देवी-देवता भी प्रसन्न होते हैं.
3. आप इस दिन कौवे को भी खाना खिला सकते हैं. घर में पितरों को भोग लगाए जाने वाले प्रसाद का थोड़ा सा हिस्सा छत पर रख दें. कौवे के द्वारा इसका सेवन आपके जीवन में मौजूद दोषों को दूर कर सकता है.
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