धर्म-अध्यात्म

जानिए कजरी तीज का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Tara Tandi
6 Aug 2022 7:04 AM GMT
जानिए कजरी तीज का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। भादो मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया को मनाई जाने वाली तीज को कजरी तीज के नाम से जाना जाता है। इस त्योहार पर विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए व्रत करती हैं। ऐसी मान्यता है कि महिलाओं के व्रत से प्रसन्न होकर भगवान शिव और माता पार्वती उनकी सभी मनोकामनाओं की पूर्ति करते हैं। महिलाएं भगवान शिव और माता पार्वती से सुखी दाम्पत्य जीवन की कामना करती हैं। ऐसी भी माना जाता है कि अगर किसी लड़की की शादी में कोई बाधा आ रही है तो इस व्रत को जरूर रखें। काफी लाभकारी होगा।

कजरी तीज डेट- 14 अगस्त, 2022
कजरी तीज का शुभ मुहूर्त
तृतीया तिथि प्रारम्भ - अगस्त 14, 2022 को 12:53 ए एम बजे
तृतीया तिथि समाप्त - अगस्त 14, 2022 को 10:35 पी एम बजे
पूजा विधि
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।
स्नान के बाद भगवान शिव और माता गौरी की मिट्टी की मूर्ति बनाएं या फिर बाजार से लाई मूर्ति का पूजा में उपयोग करें।
व्रती महिलाएं माता गौरी और भगवान शिव की मूर्ति को एक चौकी पर लाल रंग का वस्त्र बिछाकर स्थापित करें।
शिव-गौरी का विधि विधान से पूजन करें।
माता गौरी को सुहाग की 16 समाग्री अर्पित करें।
भगवान शिव को बेल पत्र, गाय का दूध, गंगा जल, धतूरा, भांग आदि अर्पित करें।
धूप और दीप आदि जलाकर आरती करें और शिव-गौरी की कथा सुनें।
गाय की पूजा
इस दिन गाय की पूजा की जाती है। गाय को रोटी व गुड़ चना खिलाकर महिलाएं अपना व्रत खोलती हैं।
चंद्रोदय के बाद खोला जाता है व्रत
यह व्रत काफी हद तक करवाचौथ की तरह होता है। इसमें पूरे दिन व्रत रखते हैं और शाम को चंद्रोदय के बाद व्रत खोला जाता है। कजरी तीज के दिन जौ, गेहूं, चने और चावल के सत्तू में घी और मेवा मिलाकर तरह-तरह के पकवान बनाए जाते हैं। चंद्रोदय के बाद भोजन करके व्रत तोड़ा जाता है।
बहुत सी जगहों पर महिलाएं घर में झूला डालकर उसका आनंद लेती हैं। इस दिन औरतें अपनी सहेलियों के साथ एक जगह एकत्र होती हैं और पूरे दिन कजली के गीत गाते हुए नृत्य करती हैं।
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