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धर्म-अध्यात्म
जानिए भीमकुंड से जुड़ी हैरान करने वाली बातें, वैज्ञानिक भी आज तक नहीं जान सके इनके रहस्य
Apurva Srivastav
6 April 2021 2:13 AM GMT
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भारत हमेशा से ही रहस्यों का देश रहा है. यहां पौराणिक काल के ऐसे तमाम रहस्य हैं
भारत हमेशा से ही रहस्यों का देश रहा है. यहां पौराणिक काल के ऐसे तमाम रहस्य हैं जिनका सच आज भी वैज्ञानिक खोज रहे हैं. इसी कड़ी में आज हम बात करेंगे भीमकुण्ड की. मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले के बजना गांव के पास स्थित भीमकुण्ड जल का प्राकृतिक स्रोत है. ये पानी साफ और पीने योग्य है. लेकिन आज तक बड़े से बड़े वैज्ञानिक भी ये नहीं जान पाए हैं कि आखिर इस कुंड में पानी कहां से आता है.
हैरानी की बात है कि इस क्षेत्र में पानी का दूर-दूर तक कोई स्रोत नहीं है. यदि सूखा पड़ जाए तो भी इस कुंड में पानी कम नहीं होता. ये भी कहा जाता है कि जब कोई प्राकृतिक आपदा आने वाली होती है तो इस कुंड में जल स्तर खुद ही बढ़ जाता है और लोग इस संकेत को समझकर पहले से ही सतर्क हो जाते हैं. आइए जानते हैं इस कुंड के बारे में.
कभी गंदा नहीं होता ये पानी
स्थानीय लोगों का कहना है कि कुंड का पानी कितना भी उपयोग में ले लिया जाए लेकिन इसका स्तर सामान्य ही रहता है. आमतौर पर ठहरा हुआ पानी गंदा हो जाता है, लेकिन भीमकुण्ड का पानी इतना साफ है कि लोग इसको पीने के लिए प्रयोग में लेते हैं.
सुनामी के समय में बढ़ गई थी पानी में हलचल कहा जाता है कि वर्ष 2004 में जब सुनामी आई थी, तब इस कुंड में पानी का स्तर बहुत ज्यादा बढ़ गया था और कुंड में पानी की हलचल बहुत तेज थी. इससे ये तो पता लग गया था कि अब कोई आपदा आने वाली है, लेकिन कहां आएगी इसका पता नहीं चल पाया था.
भीम ने प्यास बुझाने के लिए खोदा था
गोताखोरों ने भी इस भीमकुण्ड की गहराई जानने के लिए कई बार कोशिश की, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिल पाई क्योंकि इसके तल तक कोई भी नहीं पहुंच सका. इस कुंड का जिक्र पुराणों में भी मिलता है. मान्यता है कि अज्ञात वास के समय एक बार भीम को असहनीय प्यास लगी और कहीं भी पानी न मिलने के कारण उन्होंने अपनी गदा से एक गड्ढा खोदा जहां से पानी निकल आया और इस कुंड का निर्माण हुआ. इसीलिए ये कुंड भीमकुण्ड के नाम से जाना जाता है. रहस्यमय होने के कारण लोग इसे तीर्थ की तरह मानते हैं और इसके दर्शन करने आते हैं.
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