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धर्म-अध्यात्म
जानिए आचार्य का वो श्लोक और उन 4 तरह के लोगों के बारे में
Tara Tandi
6 July 2022 11:39 AM GMT
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आचार्य चाणक्य ने चाणक्य नीति में कुछ ऐसे लोगों का जिक्र किया है, जिनसे विवाद कभी नहीं करना चाहिए.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आचार्य चाणक्य ने चाणक्य नीति में कुछ ऐसे लोगों का जिक्र किया है, जिनसे विवाद कभी नहीं करना चाहिए. वरना आपका समय तो व्यर्थ होता ही है, साथ ही कई बार आपके महत्वपूर्ण रिश्ते खराब हो जाते हैं. यहां जानिए आचार्य का वो श्लोक और उन 4 तरह के लोगों के बारे में. श्लोक है- मतिमत्सु मूर्ख मित्र गुरुवल्लभेषु विवादो न कर्तव्य.
आचार्य की मानें तो एक मूर्ख व्यक्ति से जब आप वाद विवाद करते हैं, तो ये भैंस के सामने बीन बजाने जैसा है. मूर्ख आपकी बातों को कभी नहीं समझ सकता. ऐसे में आप अपने समय और एनर्जी दोनों को बर्बाद करते हैं. इसके बाद भी आपको पछताना ही पड़ता है.
चाणक्य नीति कहती है कि आपके घरवाले और खास रिश्तेदार, ये जीवन में आपके लिए बहुत कुछ करते हैं. इसलिए इनसे विवाद न करें. ऐसे में आपके रिश्ते खराब हो जाते हैं. ऐसी स्थिति में आपके पास पछताने के सिवा कोई और रास्ता ही नहीं बचता.
आपके जीवन में गुरु का खास योगदान होता है. गुरु ही आपको अंधकार से निकालता है और प्रकाश की राह दिखाता है. ऐसे गुरु के साथ किसी तरह का विवाद न करने में ही भलाई है. अगर आप उनसे विवाद करेंगे तो उनके सम्मान को चोट पहुंचाएंगे. जब आपका क्रोध शांत होगा, तो पछतावे के अलावा आपके पास कुछ नहीं होगा.
सच्चे दोस्त आपके सुख दुख के साथी होते हैं. साथ ही इनके पास आपके कई ऐसे राज होते हैं, जो बाहर चले जाएं, तो आपके लिए मुश्किल पैदा होती है. ऐसे दोस्तों के साथ विवाद करने से आपकी दोस्ती तो खराब होती ही है, साथ ही आपके राज भी खुल सकते हैं. इसलिए इनसे विवाद न करें.
Tara Tandi
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