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पौष पुत्रदा एकादशी सभी व्रतों में प्रमुख है. यह एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | पौष पुत्रदा एकादशी सभी व्रतों में प्रमुख है. यह एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित है. साल में पड़ने वाली सभी एकादशी अलग-अलग नाम से जानी जाती हैं. पुत्रदा एकादशी साल में दो बार पड़ती है. एक पौष में और दूसरा श्रावण मास में. अभी पौष माह चल रहा है इसलिए इस महीने की एकादशी, पौष पुत्रदा एकादशी के नाम से मनाई जाती है. इस साल की पहली पौष पुत्रदा एकादशी 13 जनवरी को पड़ने वाली है. जानते हैं- पौष पुत्रदा एकादशी की शुभ मुहूर्त, पूजा-विधि और पारण की तिथि के बारे में.
कैसे रखें पौष पुत्रदा एकादशी व्रत
पौष पुत्रदा एकादशी व्रत करने के लिए दशमी तिथि के दिन सूर्यास्त के पहले भोजन कर लेना चाहिए. भोजन में लहसुन-प्याज आदि का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. एकादशी के दिन सुबह सवेरे उठकर स्नान आदि से निवृत होकर व्रत का संकल्प लें. इसके बाद भगवान को धूप-दीप, फूल, अक्षत, चंदन और नैवेद्य आदि चढ़ाएं. पूजा के बाद पुत्रदा एकादशी व्रत कथा पढ़ें. व्रत कथा के बाद विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें. संतान-कामनी की पूर्ति के लिए संतान गोपाल मंत्र का जाप करना शुभ होता है. साथ भी भगवान कृष्ण के बाल स्वरुप की पूजा भी संतान की सुख-समृद्धि के लिए अच्छा है. शाम के समय विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा और आरती करें. इसके बाद जरुरतमंदों के बीच दान करना चाहिए.
पौष पुत्रदा एकादशी शुभ मुहूर्त
पौष पुत्रदा एकादशी तिथि की शुरुआत 12 जनवरी की शाम 04 बजकर 49 मिनट से होगी. व्रत के लिए शुभ मुहूर्त 13 जनवरी शाम 07 बजकर 32 मिनट तक है. चुंकी एकादशी व्रत उदय तिथि के हिसाब से रखी जाती है. ऐसे में पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत 13 जनवरी को रखा जाएगा. जबकि व्रत का पारण 14 जनवरी को होगा.
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