धर्म-अध्यात्म

जानिए अजा एकादशी के दिन ये गलती भूलकर न करें, वरना हो सकती है परेशानी

Bhumika Sahu
4 Sep 2021 3:05 AM GMT
जानिए अजा एकादशी के दिन ये गलती भूलकर न करें, वरना हो सकती है परेशानी
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अजा एकादशी (Aja Ekadashi 2021) के दिन भगवान विष्णु की पूजा अर्चना होती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जो लोग विधि- विधान से पूजा अर्चना करते हैं उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिंदू धर्म में एकादशी का दिन महत्वपूर्ण होता है. सालभर में 24 एकादशियां पड़ती हैं. भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को अजा एकादशी पड़ रही है. ये दिन भगवान विष्णु की समर्पित होता है. इस दिन कुछ लोग व्रत रखते हैं. भगवान विष्णु का प्रिय दिन एकादशी का होता है. मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से घर में सुख- समृद्धि आती है. इस बार अजा एकादशी का दिन 3 सितंबर 2021 को पड़ रहा है.

शास्त्रों के अनुसार अजा एकादशी के दिन व्रत और पूजा करने से आपके सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करने वाले व्यक्ति को अश्वमेद्य यज्ञ, तीर्थों पर दान स्नान करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है. एकादशी के अगले दिन द्वादशी को व्रत का पारण किया जाता है. इस खास दिन पर कुछ कार्यों को करने की मनाही होती है. आइए जानते हैं अजा एकादशी के दिन किन कार्यों को नहीं करना चाहिए.
शास्त्रों के अनुसार एकादशी के दिन चावल का सेवन नहीं करना चाहिए. मान्यता है कि इस दिन चावल खाने से व्यक्ति का जन्म रेंगने वाले कीड़े के रूप में होता है. इस दिन जो लोग व्रत नहीं रखते हैं उन्हें भी चावल का सेवन नहीं किया करना चाहिए.
एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करनी चाहिए. इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए. शास्त्रों में कहा गया है एकादशी के दिन शारीरिक संबंध नहीं बनना चाहिए.
एकादशी के दिन गुस्सा नहीं करना चाहिए. इस दिन भगवान विष्णु की आरधना करनी चाहिए और किसी भी तरह के विवाद से दूर रहना चाहिए.
एकादशी के व्रत के अगले दिन दान करना शुभ होता है. मान्यता है कि जो लोग इस दिन ब्रह्माणों को खाना खिलाते हैं, उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है. इस दिन विष्णु सहशस्त्रनाम का पाठ करना चाहिए.
एकादशी के दिन मांस मछली का सेवन नहीं करना चाहिए, इस दिन सात्विक भोजन करना चाहिए.
अजा एकादशी का शुभ मुहूर्त
एकादशी तिथि 2 सितंबर 2021 को सुबह 06 बजकर 21 मिनट से शुरू होकर 3 सिंतबर 2021 को सुबह 07 बजकर 44 मिनट पर समाप्त होगा. लेकिन उदया तिथि होने के कारण 3 सितंबर को अजा एकादशी पड़ रही है. अजा एकादशी के दिन सुबह – सुबह उठकर स्नान करें. इसके बाद पूजा और उपवास करने का संकल्प लें.


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