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धर्म-अध्यात्म
जानिए रंगभरी एकादशी पर व्रत रखने से भगवान विष्णु की बरसेगी कृपा
Teja
10 March 2022 5:27 AM GMT
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होली से पहले बेहद महत्वपूर्ण एकादशी आती है, जिसे आमलकी एकादशी कहते हैं
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | होली से पहले बेहद महत्वपूर्ण एकादशी आती है, जिसे आमलकी एकादशी कहते हैं. आमलकी एकादशी को आंवला एकादशी या रंगभरी एकादशी (Rangbhari Ekadashi) भी कहते हैं. यह फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है. इस बार आमलकी एकादशी पर सर्वार्थसिद्धि और पुष्य नक्षत्र योग बन रहे हैं. ऐसे में जो भी इस दिन व्रत रखेगा उसके सारे कार्य सफल होंगे और भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की कृपा बरसेगी. इस बार आंवला एकादशी 14 मार्च दिन सोमवार को है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा के साथ-साथ आंवले के पेड़ की भी पूजा की जाती है. इसके अलावा भगवान शंकर और माता पार्वती की विशेष पूजा कर उन पर आंवला चढ़ाया जाता है. जानते हैं
आमलकी एकादशी व्रत
कहते हैं आंवले के पेड़ में सभी देवी देवताओं का वास होता है. ऐसे में इस दिन यदि आंवले की पूजा की जाए तो सभी देवी देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
मान्यता है कि यदि आमलकी एकादशी के दिन व्रत रखकर आंवले के पेड़ के नीचे आसन बिछाकर घी का दीपक जलाकर भगवान विष्णु की विधि पूर्वक पूजा की जाए तो ऐसा करने से 1000 गायों के दान के बराबर फल प्राप्त होता है.
मृत्यु के बाद मोक्ष को प्राप्त करने की इच्छा रखने वाले लोग आमलकी एकादशी का व्रत रखें. ऐसा करने से भगवान विष्णु की कृपा होती है और सारे पाप दूर होते हैं.
आमलकी एकादशी तिथि
आमलकी एकादशी प्रारंभ- 13 मार्च, दिन रविवार सुबह 10.21 बजे
आमलकी एकादशी समाप्त- 14 मार्च, दिन सोमवार दोपहर 12:05 बजे
आमलकी एकादशी शुभ मुहूर्त आरंभ- 14 मार्च, दोपहर 12:07 मिनट – 12:45 मिनट
उदयातिथि के अनुसार, आमलकी एकादशी का व्रत 14 मार्च को रखा जाएगा.
नोट – इस लेख में दी गई जानकारी मान्यताओं और सूचनाओं पर आधारित है. india.com इसकी पुष्टि नहीं करता है. अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से संपर्क करें.
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