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- जानें मनुष्य को मृत्यु...
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। मृत्यु शाश्वत है। जिस प्रकार एक शिशु का जन्म 9 महीने के उपरांत माता के गर्भ से होता है। ठीक उसी प्रकार मृत्यु भी अपने आने का संकेत देती है। मनुष्य के जीवन में जब कुछ विचित्र ऐसी घटनाएं होने लगें तो समझ लीजिए कि यह मृत्यु का संकेत दे रही है। हालांकि ये संकेत इतने सूक्ष्म होते हैं कि हम अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में उन पर ध्यान ही नहीं देते और जब मृत्यु एकदम करीब आ जाती है तो पता लगता है कि अब देर हो चुकी है, कई काम अधूरे रह गए हैं। ऐसी स्थिति में अंतिम क्षण में मन भटकने लगता है और मृत्यु के समय कष्ट की अनुभूति होती है। पुराणों के अनुसार अगर मृत्यु के समय मन शांत और इच्छाओं से मुक्त हो तो बिना कष्ट से प्राण शरीर त्याग देता है और ऐसे व्यक्ति की आत्मा को परलोक में सुख की अनुभूति होती है। लोग हमेशा यह जानने के लिए उत्सुक रहते हैं कि मरते समय या मरने से पहले व्यक्ति कैसा महसूस करता है। हिंदू धर्म के कई ग्रंथों में इस बारे में विस्तार से बताया गया है। शिवमहापुरण में मृत्यु से पूर्व के संकेत बताएं गए हैं। आइए जानते हैं क्या हैं वो संकेत।