धर्म-अध्यात्म

जानिए सावन के महीने में तीन प्रकार के व्रत रखते हैं भक्त

Tara Tandi
25 July 2022 10:36 AM GMT
जानिए सावन के महीने में तीन प्रकार के व्रत रखते हैं भक्त
x
आज सावन (Sawan) महीने का दूसरा सोमवार है। हिंदू सनातन धर्म में सावन के सोमवार का खास महत्व है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आज सावन (Sawan) महीने का दूसरा सोमवार है। हिंदू सनातन धर्म में सावन के सोमवार का खास महत्व है। मान्याता है कि भगवान शिव को सावन का महीना अत्यंत प्रिय है और सोमवार को तो उनका दिन ही माना जाता है। ऐसे में सावन के सोमवार का खास महत्व होता है। इस दिन भोले भंडारी के भक्त अपने आराध्य शिवजी और माता पार्वती की खास उत्साह और तरीके से पूजा अर्चना करते हैं।

मान्यता के मुताबिक पूरे सावन में खासकर सोमवार को सच्चे मन में भोले भंडारी की पूजा अर्चना करने से भक्तों की मन मांगी मुराद पुरी होती है। वैसे भी इस साल के सावन पर कई संयोग बन रहे हैं। जिसे काफी शुभ माना जा रहा है। मन्याता के मुताबिक इस महीने श्रद्धालु सच्चे मन से शिवलिंग का पूजन कर शिव कृपा प्राप्त कर सकते हैं। मान्यता है कि सावन के महीने में सोमवार को व्रत रखने और भगवान शंकर की पूजा करने वाले जातक को मनवांछित जीवनसाथी प्राप्त होता है और जीवन में सुख-समृद्धि बढ़ती है। विवाहित औरतें यदि श्रावन महीने का सोमवार व्रत रखती हैं तो उन्हें भगवान शंकर सौभाग्य का वरदान देते हैं।
आपको बता दें कि इस सावन के महीने में चार सोमवार पड़ रहा है। पहला सोमवार 18 जुलाई को था जबकि दूसरा सोमवार कल है। वहीं तीसरा और चौथा सोमवार 1 और 8 अगस्त को पड़ेगा।
सावन के महीने में तीन प्रकार के व्रत रखते हैं भक्त
1- सावन सोमवार व्रत
2- सोलह सोमवार व्रत
3- प्रदोष व्रत
श्रावण महीने में सोमवार को जो व्रत रखा जाता है, उसे सावन का सोमवार व्रत कहते हैं। वहीं सावन के पहले सोमवार से 16 सोमवार तक व्रत रखने को सोलह सोमवार व्रत कहते हैं और प्रदोष व्रत भगवान शिव और मां पार्वती का आशीर्वाद पाने के प्रदोष के दिन किया जाता है। पूरे सावन माह में भगवान शिव की विशेष रूप से पूजा की जाती है। खासकर कुंवारी कन्या योग्य वर की प्राप्ति हेतु भगवान भोलेनाथ की विधिपूर्वक व्रत रखती हैं।
सावन के सोमवार को ऐसे करें शिव जी और माता पार्वती की आराधना
- सुबह जल्दी उठ जाएं और स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद साफ वस्त्र धारण करें।
- घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
- सभी देवी- देवताओं का गंगा जल से अभिषेक करें।
- शिवलिंग में गंगा जल और दूध चढ़ाएं।
- यदि गंगाजल उपलब्ध न हो तो ताजा जल तांबे के लोटे में भरकर शिवलिंग पर अर्पित करें।
- भगवान शिव को पुष्प अर्पित करें।
- भगवान शिव को बेल पत्र अर्पित करें।
- दूध, दही, शहद, अक्षत शिवलिंग पर अर्पित करें।
- फिर बेल के पत्ते, ताजे फलों और फूलों से शिवलिंग का श्रृंगार करें या शिवजी पर अर्पित करें।
- शिवलिंग पर चंदन, रोली और अक्षत से टीका लगाएं और प्रसाद चढ़ाएं।
- भगवान शिव की आरती करें और भोग भी लगाएं। इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है। प्रसाद में मिश्री, मीठे बताशे या मीठा इलायचीदाना रख सकते हैं।
- शिवलिंग के सामने दीया-धूप करें और शिवजी की आरती कर प्रसाद सभी में बांट दें और खुद भी खाएं। दिन भर मन को साफ रखें, किसी के लिए गलत विचार मन में न लाएं और शिवजी से सुखमय जीवन के लिए प्रार्थना करें।
- भगवान शिव का अधिक से अधिक ध्यान करें।
सोमवार व्रत करने के विधि
सावन सोमवार के दिन सुबह उठकर सबसे पहले पानी में काला तिल मिलाकर स्नान करें। इसके बाद पवित्र मन से भगवान शिव का स्मरण करते हुए सोमवार व्रत का संकल्प लें। फिर शिवलिंग की सफेद फूल, सफेद चंदन, पंचामृत, चावल, सुपारी, बेल पत्र, आदि से पूजा करें। पूजा के दौरान 'ॐ सों सोमाय नम:' का मंत्र लगातार जपते रहें। शिव के मंत्र का जप हमेशा रुद्राक्ष की माला से करें।
Next Story